जबलपुर। ज़िले में एक लाश को पुलिस अर्थी से उठा ले गयी। ये लाश एक महिला की थी। मायके वालों ने पुलिस से शिकायत की थी कि उसकी मौत नहीं हुई है बल्कि ससुरालवालों ने हत्या की है। जबलपुर ज़िले के शहपुरा थाना अंतर्गत भीटा गांव में एक शव का अंतिम संस्कार होते होते रह गया। अर्थी सज चुकी थी और अंतिम संस्कार के लिए लिए उसे श्मशान घाट ले जाया जाना था लेकिन एन वक्त पर पुलिस आयी और अर्थी खोलकर उस पर रखा महिला का शव ले गयी।
डिलीवरी के दौरान मौत
दरअसल ये शव 22 साल की महिला कविता पटेल का है। उसे शुक्रवार को मेडिकल कॉलेज अस्पताल में डिलेवरी के लिए भर्ती कराया गया था लेकिन उसी दौरान बच्चे सहित कविता ने दम तोड़ दिया। नवविवाहिता की मौत के बाद ससुराल पक्ष के लोग उसके अंतिम संस्कार की तैयारी करने लगे लेकिन कविता के भाइयों ने इसका विरोध किया। उन्होंने पोस्टमॉर्टम की मांग की। बाद में दोनों पक्षों के बीच कुछ समझौता हो गया और कविता के शव को अंतिम संस्कार के लिए ले श्मशानघाट ले गए। अंतिम संस्कार होने को था कि तभी वहां शाहपुरा थाने की पुलिस पहुंच गयी।
गांव में हड़कंप
जैसे ही पुलिस मौके पर पहुंची परिवार में हड़कंप मच गया। पुलिस ने लाश को अपने कब्ज़े में ले लिया। अर्थी खुलवाकर कविता की लाश उठवायी और अपने साथ मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले गयी।
भाई ने बताया
मृतका कविता की शादी भीटागांव के कल्याण सिंह से हुई थी। कविता दमोह के पतलोनी तेजगढ़ गांव की रहने वाली थी। शुक्रवार को जबलपुर के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में उसे भर्ती कराया गया था। उसका ब्लड प्रेशर बेहद कम था। पहले गर्भस्थ शिशु की मौत हुई और फिर कविता ने भी दम तोड़ दिया। डॉक्टर ने कागजी कार्रवाई कर मृतका का शव परिवार को सौंप दिया। परिवार वाले उसे अंतिम संस्कार के लिए भीटा गांव ले आए।
मायके वालों का आरोप
कविता के मायके वालों ने ससुरालवालों पर उसकी हत्या का आरोप लगाया है। भाई का कहना है कि ससुरालवाले कविता को लगातार प्रताड़ित करते थे।