ग्वालियर। जीवाजी विश्वविद्यालय के छात्रों की परीक्षाओं के परिणाम में हो रही देरी और छात्रों के हंगामे से हालात बिगड़ते जा रहे हैं। शनिवार को परीक्षा परिणाम तैयार करने वाली नागपुर की फर्म के कर्मचारियों ने काम बंद कर दिया।
कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला (VC Prof. Sangeeta Shukla) ने इस मामले में आनन-फानन में अधिकारियों की बैठक लेकर समस्या के निपटारे पर मंथन किया। बैठक में तय हुआ कि सोमवार को सुबह 10ः30 बजे कार्यपरिषद की विशेष बैठक बुलाई जाए। इसमें नागपुर कंपनी का मुद्दा रखा जाए। अधिकारियों की सहमति पर कुलसचिव डॉ.आईके मंसूरी ने सोमवार को कार्यपरिषद की बैठक का एजेंडा जारी कर दिया।
नागपुर की माइक्रो प्रो. सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने जेयू और उससे जुड़े कॉलेजों के छात्रों की परीक्षा का परिणाम तैयार करने का ठेका लिया है। यह कंपनी काम नहीं संभाल पा रही। पिछले 5-6 महीने से एक सैकड़ा से ज्यादा परीक्षाओं के रिजल्ट अटके हैं। इससे छात्र परेशान है। इसे लेकर जेयू में आए दिन धरना प्रदर्शन हो रहे हैं। इसमें एनएसयूआई और विद्यार्थी परिषद ज्यादा आक्रोशित है। परिषद के कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को कंपनी के कर्मचारियों को अंदर बंद कर कक्ष का ताला लगा दिया था और जेयू अधिकारियों के कक्षों के बाहर लगी नेम प्लेट पर काली स्याही लगा दी थी। इस घटना से कंपनी के कर्मचारी परेशान थे। इसी कारण उन्होंने शनिवार को काम बंद कर दिया।
बैठक में अधिकारियों का कहना था कि छात्र परेशान हो रहे हैं इसलिए वे हंगामा करने को विवश हैं। इसलिए एजेंसी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए बल्कि नई एजेंसी के लिए टेंडर भी जारी कर दिए जाएं। चूंकि विद्यार्थी परिषद ने सोमवार को फिर प्रदर्शन की चेतावनी दी है इसलिए जेयू ने कार्यपरिषद की बैठक बुलाना उचित समझा। इसमें कंपनी के मुद्दे के अलावा कॉपी चेकिंग, रेमुनरेशन एवं इनविजीलेशन कार्य में समन्वय समिति द्वारा निर्धारित मानदेय से अधिक भुगतान किए जाने पर वसूली पर चर्चा हो सकती है, क्योंकि इस मामले को लेकर एनएसयूआई के प्रदेश महासचिव सचिन द्विवेदी ने आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (अपराध शाखा) में शिकायत कर दी है। प्रो.एके श्रीवास्तव को रेक्टर बनाने के लिए कुलपति प्रयास कर रही हैं। यह मामला भी बैठक में रखा जा सकता है।