JYOTIRADITYA SCINDIA 5 दिसंबर तक प्रदेश अध्यक्ष नहीं बन पाएंगे: JYOTISH कहती है

Bhopal Samachar
ज्योतिरादित्य सिंधिया इन दिनों मध्य प्रदेश की सबसे बड़ी खबर बन गए हैं। प्रदेश अध्यक्ष का पद उन्होंने प्रतिष्ठा से जोड़ लिया है। पूरे प्रदेश में प्रदर्शन हो रहे हैं। राजनीति के पंडित अपने तरीके से कयास लगा रहे हैं परंतु ज्योतिष कहती है कि 5 दिसम्बर 2019 तक उनका प्रदेश अध्यक्ष बन पाना काफी मुश्किल है। ज्योतिरादित्य सिंधिया की कुण्डली काफी कुछ माधवराव सिंधिया जैसी है। उच्च पदस्थ से अच्छे संपर्क रहेंगे। लोकप्रियता भी बनी रहेगी परंतु शत्रु भी शक्तिशाली रहेंगे इसलिए प्रमुख पदों तक पहुंच पाना मुश्मिल है।  

ज्योतिरादित्य सिंधिया: जन्म कुण्डली का विवरण

इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार 1 जनवरी 1971 को सुबह 9 बजकर 40 मिनिट पर मुम्बई में पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया का जन्म हुआ था। मकर लग्न में इनकी कुण्डली के दशम भाव में मंगल, तुला राशि में स्थित है। इस भाव में मंगल की स्थिति होने पर लग्न को उच्च देखने के कारण कुल दीपक योग बनता है लेकिन इस जन्म पत्रिका में इतना ताकतवर राजयोग नहीं हैं जो मुख्यमंत्री बनने के लिए जरूरी हैं।  

ज्योतिरादित्य सिंधिया: गोचर में ग्रहों की स्थिति

वर्तमान में शनिदेव अप्रैल 2019 से वक्री होकर 19 सितंबर 2019 तक प्रभावी है। जन्म कुंडली में भी वर्तमान में 2 सितंबर 2018 से 9 जुलाई 2021 तक शनि की महादशा में राहु की अंतर्दशा है एवं शनि की प्रत्यन्तर्दशा चल रही है। यही कारण है कि उन्हे इन दिनों कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। यह 24 जून 2019 से शुरू हुई है जो 5 दिसंबर 2019 तक चलेगी। इसके बाद गुरू की प्रत्यन्तर्दशा आएगी जो थोड़ा राहतकारी होगी। अनुसंधान के अनुसार यह लाभकारी हो सकती है। 

ज्योतिरादित्य सिंधिया की कुण्डली में उपस्थित विशेष योग

कुण्डली में शनि चतुर्थ भाव में स्थित है, जो दशमस्थ मंगल के साथ मिलकर उनकी कुण्डली में अमात्य योग का निर्माण कर रहा है। जन्मपत्रिका में शनि मंगल जहां शुभ सम्बन्ध बना रहे हैं, वहीं लग्न स्थान को देख भी रहे हैं। ग्रहों की इस स्थिति से इन्हें जनता में सम्मान और लोकप्रियता हासिल होने का संकेत मिलता है। सिंधिया की कुण्डली में कई राजयोग हैं। इनकी कुण्डली के बारहवें भाव में सूर्य और बुध की युति है, जो बुधादित्य योग तथा विपरीत राजयोग का निर्माण कर रहे हैं। तुला राशि में शनि उच्च का होता है, इस राशि में शनि की स्थिति के कारण नीच भंग राजयोग भी बन रहा है।

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