नई दिल्ली। आम जनता को अनुशासित करने के नाम पर मोटर व्हीकल एक्ट 2019 में 30 गुना तक जुर्माना बढ़ाए जाने के बाद अब केंद्र सरकार नया कानून बनाने जा रही है। यदि आपने लोन लिया है तो आपका नियोक्ता (सरकारी या प्राइवेट) लोन की किस्त काटकर ही आपका वेतन आपके खाते में ट्रांसफर करेगा, लोन की किस्त बैंक को प्रदान कर दी जाएगी।
नियोक्ता की जिम्मेदारी होगी कि वो वेतन से लोन की किस्त काटकर बैंक में जमा कराए
लोन वसूली से परेशान बैंकों की सिफारिश पर केंद्र सरकार भारतीय रिजर्व बैंक के साथ मिलकर यह कानून बनाने की तैयारी कर रही है। बैंकों ने अपने प्रस्ताव में कहा है कि जिस तरह बैंक, एनबीएफसी और दूसरी फाइनेंस कंपनियां कर्ज देने से पहले ग्राहक का सिबिल चैक करते हैं, उसी तरह सरकारी और निजी संस्थाएं भी जॉब देते वक्त युवा का सिबिल चैक करें। अगर उनके नाम पर एजुकेशन लोन निकले तो युवा के वेतन से पैसा काटकर संबंधित बैंक को भुगतान किया जाए।
नौकरियां मिलने के बाद भी लोग लोन नहीं चुकाते
बैंक से जुड़े सूत्रों के मुताबिक बैंकों के एजुकेशन लोन को डिफॉल्ट करने वालों में उन छात्रों के भी नाम थे, जो अच्छी नौकरियां कर रहे थे। इनकी पहचान रिकवरी टीम ने की थी। कई बार यह तब सामने आया जब युवा नौकरी के बाद कार और होम लोन के लिए आवेदन करने बैंक पहुंचे और वहां उनका सिबिल चैक किया गया, जिसमें एजुकेशन लोन बकाया मिला।