कोर्ट से दोषी रिटायर्ड कर्मचारी को अभ्यावेदन का अधिकार नहीं | Madhya Pradesh Civil Service Pension, Rules, 1976

Bhopal Samachar
भोपाल। मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय ने एक परिपत्र जारी कर स्पष्ट किया है कि यदि किसी रिटायर्ड कर्मचारी का न्यायालय में अपराध सिद्ध हो जाता है तो उसे किसी भी प्रकार के अभ्यावेदन का अधिकार नहीं है। इससे पहले हाईकोर्ट ने निर्देशित किया था कि ऐसी स्थिति में पेंशनर को कार्यवाही किए जाने के पूर्व कारण बताओ सूचना पत्र एवं सुनवाई का अवसर मिलना चाहिए। 

रामसेवक मिश्रा विरूद्ध मध्यप्रदेश शासन मामले में हाईकोर्ट ने सुनवाई का अवसर दिया था

भोपाल, दिनांक 12 सितम्बर, 2019 परिपत्र क्रमांक सी-6-3-2019-3-एक के अनुसार रिट पिटीशन क 1353/2011 श्री रामसेवक मिश्रा विरूद्व मध्यप्रदेश शासन एवं अन्य में दिनांक 18.07.2017 को पारित आदेश में माननीय उच्च न्यायालय की न्यायपीठ ने सेवानिवृत्त पेंशनभोगी को आपराधिक प्रकरण में दोषी पाए जाने पर मध्यप्रदेश सिविल सेवा पेंशन, नियम, 1976 के अधीन कार्यवाही किए जाने के पूर्व कारण बताओ सूचना पत्र एवं सुनवाई का अवसर दिए जाने के निर्देश दिए गये थे, जिसके परिपालन में संदर्भित परिपत्र दिनांक 30.08.2017 जारी किया गया था।

लालसाहब बैरागी विरूद्ध नगरीय विकास मामले में हाईकोर्ट ने कहा अभ्यावेदन का अवसर आवश्यक नहीं

माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा प्रकरण क 16549/2016 श्री लालसाहब बैरागी विरूद्व नगरीय विकास एवं पर्यावरण विभाग में पारित आदेश दिनांक 15.05.2019 द्वारा पुनः अवधारित किया गया है कि पेंशन नियम 1976 के नियम 8(2) के अधीन आदेश पारित करने के पूर्व ऐसे पेंशनर को जिसे आपराधिक प्रकरण में दोषसिद्ध किया गया है, उसे अभ्यावेदन का अवसर प्रदान करना या नोटिस देना आवश्यक नही है।
परिपत्र (के.के. कातिया) - अपर सचिव मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग भोपाल, के हस्ताक्षर से दिनांक 12 सितम्बर, 2019 को जारी किया गया। 

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