भोपाल। बेहतर बारिश और चारे के बावजूद प्रदेश में दूध उत्पादन में कमी है। ऐसे में सहकारिता क्षेत्र के उपक्रम मध्यप्रदेश दुग्ध महासंघ ने किसानों को आकर्षित करने के लिए उनसे लिए जाने वाले दूध की खरीदी दर बढ़ाने की तैयारी की है। इसके साथ ही वह सांची दूध की कीमत भी बढ़ाने वाला है। इंदौर दुग्ध संघ सहित अन्य दुग्ध संघों की ओर से इस तरह का प्रस्ताव महासंघ को भेजा गया है। जल्द ही इस पर मुहर लगने की संभावना है।
इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलती है तो सांची के अलग-अलग श्रेणियों के दूध पर दो रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी हो सकती है। इसी तरह सहकारी संस्थाओं के जरिए किसानों से खरीदे जाने वाले दूध के लिए उन्हें 610 के मुकाबले 650 रुपए प्रति किलो फैट का भाव दिया जाएगा। ऐसे में उपभोक्ताओं को सांची गोल्ड दूध 50 की जगह 52 रुपए और स्टैंडर्ड दूध 48 की जगह 50 रुपए प्रति लीटर में मिलेगा। दूसरी तरफ, दूध उत्पादक किसानों को भी प्रति लीटर करीब 2.50 रुपए का फायदा होगा। इंदौर दुग्ध संघ के प्रशासक और संभागायुक्त आकाश त्रिपाठी ने बताया कि दूध की खरीदी दर और उपभोक्ता दर दोनों का प्रस्ताव भोपाल भेजा गया है। मंजूरी मिलने के बाद इसे लागू किया जाएगा।
महंगे पशु आहार से बिगड़ा गणित
दरअसल, दूध की यह किल्लत देशव्यापी बताई जा रही है। इससे मध्यप्रदेश सहित महाराष्ट्र और अन्य राज्य भी जूझ रहे हैं। इसका एक कारण महंगे होते पशु आहार को बताया जा रहा है। दूसरी तरफ, दूध की कमी के कारण निजी क्षेत्र के कारोबारियों ने दूध उत्पादकों को अधिक रेट देना शुरू कर दिया है। इससे निपटने के लिए ही मध्यप्रदेश के सहकारी दुग्ध संघों ने भी किसानों का खरीदी रेट बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार किया है।
इंदौर दुग्ध संघ में ही गत वर्ष के मुकाबले रोजाना करीब 75 हजार लीटर दूध कम आ रहा है। गत वर्ष इस सीजन में इंदौर दुग्ध संघ में लगभग 3.35 लाख लीटर दूध का कलेक्शन हो रहा था, लेकिन फिलहाल यह 2.60 लाख लीटर के आसपास ठहर गया है। इंदौर दुग्ध संघ के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एएन द्विवेदी ने बताया कि प्रदेश में सभी जगह दूध का कलेक्शन घटा है। किसानों का खरीदी रेट हम जुलाई में भी बढ़ा चुके हैं। खरीदी रेट फिर बढ़ा तो उस हिसाब से उपभोक्ताओं को मिलने वाले दूध की कीमत भी बढ़ाना पड़ेगी।