भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमल नाथ ने स्पष्ट कर दिया है कि 'पानी का अधिकार अधिनियम' सख्त होगा। यह जल स्त्रोतों की रक्षा करेगा एवं कोई भी व्यक्ति सरकारी जमीन की तरह नदी, तालाब या किसी भी प्रकार के जल स्त्रोत पर अतिक्रमण नहीं कर पाएगा। जलस्त्रोत पर अतिक्रमण गंभीर अपराध माना जाएगा। इसमें अतिक्रमण हटाने के अलावा अतिक्रमणकारी को जेल भेजने का प्रावधान भी होगा।
प्रदेश सरकार की ओर से जारी बयान के अनुसार मुख्यमंत्री आज मंत्रालय में 'पानी का अधिकार' अधिनियम के लिए गठित जल विशेषज्ञों की समिति के सदस्यों के साथ चर्चा कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि 'पानी का अधिकार' अधिनियम का प्रारूप शीघ्र बनाया जाए, जिससे इसे विधानसभा के शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सके।
उन्होंने कहा कि पानी पर आम नागरिकों का अधिकार है और इसलिए उस पर अतिक्रमण कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जो भी व्यक्ति पानी के स्रोतों पर अतिक्रमण करेगा, उसे अपराधी माना जाएगा।