भोपाल। रिश्वत के खिलाफ लड़ाई में सफलता हाथ लगी है। सरकारी अधिकारी/कर्मचारी नियमानुसार काम भी रोक देते हैं। बिना रिश्वत के सही काम भी नहीं होता। विदिशा जिले के सिरोंज में भी ऐसा ही हो रहा था। किसान ने भैंस लाकर नायब तहसीलदार की कार से बांध दी और बाकी काम सिरोंज के पत्रकारों ने कर दिखाया। भोपाल समाचार ने भी इसे लिफ्ट कराया और मामला देश भर की मीडिया में सुर्ख हो गया। नतीजा, बिना रिश्वत के बंटवारे के कागजात मिल गए।
नायब तहसीलदार सिद्धांत सिंगला की कार पर भैंस बांध दी थी
पथरिया निवासी किसान भूपत सिंह रघुवंशी ने 11 सितंबर को तहसील परिसर में पहुंच कर नायब तहसीलदार सिद्धांत सिंगला की कार पर अपनी भैंस बांध दी थी। उसका कहना था कि 10 सितंबर 2018 यानी 1 साल से से उसका जमीन बंटवारे का मामला नायब तहसीलदार के पास अटका हुआ है।
25 हजार रुपए की रिश्वत मांग रहे थे
नायब तहसीलदार सिद्धांत सिंगला मेरी सुनवाई नहीं कर रहे और कई महीनों से मुझे घुमा रहे हैं। वे मुझसे बंटवारे की एवज में 25 हजार रुपए की रिश्वत मांग रहे है। जितनी रिश्वत वे मांग रहे है। उतना रुपए मेरे पास नहीं है। इस कारण मैं अपनी भैंस लाया हूं। वे इसे बेच कर अपनी रिश्वत की राशि रख ले। उन्होंने मामले की शिकायत एसडीएम संजय जैन से भी की।
नायब तहसीलदार अटैच, पटवारी सुनील यादव सस्पेंड
रिश्वतखोरी को लेकर भूपत द्वारा उठाए गए इस कदम को सोशल मीडिया पर जबरदस्त सराहना मिली और इसी दिन देर रात मे सीएम के आदेश पर जिला प्रशासन ने नायब तहसीलदार सिद्धांत सिंगला को विदिशा अटैच कर पटवारी सुनील यादव को सस्पेंड कर दिया था। इसके साथ ही तीन दिन के अंदर मामले की जांच रिपोर्ट भी मांगी थी। सोमवार को किसान भूपत सिंह बंटवारे का आदेश लेने के लिए तहसील कार्यालय में पहुंचे। जो आदेश उन्हें मिला है। उस पर 12 सितंबर की तारीख लिखी है।
पटवारी को बचाने जारी हुआ आदेश
अगले ही दिन यानि 12 सितंबर को पटवारी संघ ने भी तहसीलदार को एक ज्ञापन सौंप कर मामले में पटवारी सुनील यादव को निर्दोष बताते हुए नायब तहसीलदार के विरूद्ध दंडात्मक कार्रवाई की मांग की थी। हालाकि इसके दो दिन बाद ही पटवारी काम पर लौट आए थे। 13 सितंबर को एसडीएम संजय जैन ने किसान भूपत सिंह को बयान देने के लिए तहसील में बुलाया था।