भोपाल। विदेश यात्रा से लौटे शिक्षा मंत्री प्रभुराम चौधरी प्रोटोकॉल भूल गए। उन्होंने अपनी विदेश यात्रा के कारण ना केवल शिक्षक सम्मान समारोह की तारीख बदलवा दी बल्कि राज्यपाल महोदय का भी अपमान किया। राज्यपाल श्री लालजी टंडन से भरे मंच से शिक्षा मंत्री को लताड़ लगाई। शिक्षा मंत्री महोदय, भरे मंच से माफी मांगते नजर आए।
मैंने सोच लिया था कि मैं अब कार्यक्रम में नहीं जाऊंगा
मप्र के राज्यपाल लालजी टंडन राज्य स्तरीय शिक्षक दिवस सम्मान समारोह में प्रोटोकॉल का पालन नहीं होने की वजह से सरकार के मंत्रियों और अधिकारियों पर भड़क उठे। उन्होंने मंच से ही कहा कि यह पहली बार हुआ है जब मैं किसी कार्यक्रम में तय समय से एक घंटे लेट पहुंचा हूं। मुझे इस बात का खेद है। इसमें मेरी कोई गलती नहीं है। मैं समय से तैयार होकर बैठा था, लेकिन मुझे कोई लेने ही नहीं आया। मैंने सोच लिया था कि मैं अब कार्यक्रम में नहीं जाऊंगा, लेकिन यह मर्यादा के खिलाफ होता, इसलिए शिक्षकों को शुभकामनाएं देने आया हूं।
स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने मंच से माफी मांगी
राज्यपाल की नाराजगी पर स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी और भोपाल के प्रभारी मंत्री डॉ. गोविंद सिंह ने मंच से ही उनसे माफी मांगी। इसके बाद राज्यपाल ने कहा कि हो सकता है कि कोई कम्युनिकेशन गैप हो गया हो। मेरे मित्रों का भी कोई दोष नहीं है। सूत्रों के मुताबिक मंत्रियों और अधिकारियों के मनाने के बाद राज्यपाल कार्यक्रम में पहुंचे थे।
प्रोटोकॉल क्या होता है
दरअसल, जिस विभाग का कार्यक्रम होता है, प्रोटोकॉल के तहत उस विभाग के मंत्री राज्यपाल को लेने राजभवन जाते हैं, लेकिन शुक्रवार को सरकार की तरफ से कोई अधिकारी या मंत्री राज्यपाल को लेने नहीं पहुंचा। उन्होंने कहा कि राज्यपाल की भूमिका भी शिक्षक की तरह होती है। यदि वह भी समय की पाबंदी न करे तो उस कुर्सी पर बैठा व्यक्ति अच्छी परंपरा नहीं डाल रहा है।
एक दिन बाद हुए कार्यक्रम पर भी तंज
प्रशासन अकादमी में आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल ने शिक्षकों का सम्मान शिक्षक दिवस के एक दिन बाद करने को लेकर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि इस साल शिक्षकों का सम्मान शिक्षक दिवस पर न होकर एक दिन बाद हो रहा है।
मैं सिर्फ शिक्षकों का सम्मान करने आया
राज्यपाल ने कहा कि तीन बजे तक कोई लेने नहीं आया तो मैंने सोच लिया था कि अब मैं कार्यक्रम में नहीं जाउंगा, लेकिन राज्य का प्रमुख ऐसा करता तो यह मर्यादा के खिलाफ होता। मुझे अपनी गलतफहमी थी, लेकिन मैं शिक्षकों का सम्मान करने आया।
सीएम और कई मंत्रियों की सूची दी थी
राज्यपाल ने कहा कि मुझे बताया गया था कि कार्यक्रम में मुख्यमंत्री और सरकार के कई मंत्री आएंगे। गौरतलब है कि विभाग द्वारा भेजे गए आमंत्रण पत्र में भी मुख्यमंत्री के शामिल होने की जानकारी नहीं थी। मुख्यमंत्री भी कार्यक्रम में नहीं पहुंचे।