भोपाल। मध्य प्रदेश में अब हर नागरिक का एक नया 'आइडेंटिटी कार्ड' बनाया जाएगा। यह कार्ड एटीएम छोड़कर उसके सभी कार्डों का समायोजन होगा। यह कार्ड दिखाने पर उसे वोटर कार्ड, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, सरकारी योजनाओं के कार्ड, गरीबी कार्ड या किसी भी प्रकार के सरकारी कार्ड की जरूरत नहीं होगी।
कमलनाथ सरकार प्रदेश में लोगों की सुविधाओं के लिए 'वन स्टेट वन आईडेंटिटी' का फार्मूला लागू करने जा रही है। इसमें प्रदेश के प्रत्येक नागरिक को पहचान नंबर मिलेगा, जिसमें व्यक्ति का नाम, फोन नंबर, पता और फोटो के साथ क्यूआर कोड भी होगा। कार्ड नंबर पर क्लिक करते ही संबंधित व्यक्ति का पूरा बायोडाटा खुल जाएगा।
मतलब युवक को अलग-अलग कार्ड्स, जैसे आधार कार्ड, वोटर आईडी जैसे कार्ड रखने की जरूरत नहीं होगी, उसे इस एक कार्ड में सभी तरह की जानकारियां मिल जाएंगी। वहीं इस कार्ड से यह भी जानकारी मिल जाएगी कि संबंधित व्यक्ति को सरकारी योजनाओं के लिए पात्रता के मुताबिक लाभ मिल रहा है या नहीं।
इतना ही नहीं 'वन स्टेट वन आईडेंटिटी' से यह भी जानकारी मिल जाएगी कि युवक कहां का निवासी है और वह क्या करता है। मतलब एक क्लिक पर सारी जानकारी। सरकार इस योजना पर विचार कर रही है। सरकार का मानना है कि नागरिक को सरकारी दफ्तरों स्कूल-कॉलेजों और अन्य जगहों पर पहचान सहित विभिन्न जरूरतों के लिए अलग-अलग कार्ड रखना होता है, किसानों को खेती ऋण पुस्तिका से लेकर खसरा-खतौनी योजनाओं का लाभ मिलता है। इसके बाद सारे दस्तावेज से मुक्ति मिल जाएगी इस योजना का प्रारूप तैयार है संभावना है कि इसे जल्द ही कैबिनेट में लाया जाएगा।
यही नहीं इसमें आधार कार्ड से लेकर सारे पहचान पत्र समाहित होंगे। मध्य प्रदेश के विधि विधाई मंत्री पीसी शर्मा की मानें तो जल्द ही इस प्रस्ताव को राज्य सरकार कैबिनेट में लाने वाली है। प्रस्ताव पर पूरी तरह से काम हो चुका है। वहीं बीजेपी ने सरकार की इस मंशा पर सवाल उठाए हैं और कार्ड को सिर्फ फोटो खिंचवाने और छपवाने का एक जरिया बताया है।