भोपाल। प्रशासन और प्रदेश सरकार राहत कार्यों के बड़े-बड़े दावे कर रही है। लेकिन मंदसौर जिले के बाढ़ पीड़ितों तक सरकार पेट भरने इतनी भी राहत नहीं पहुंचा पाई है। बाढ़ पीड़ित समाजसेवियों और अपने रिश्तेदारों पर निर्भर है। 6 दिन बाद भी सरकार पीड़ितों के बीच नही पहुँच पाई है। प्रदेश सरकार तत्काल अगर अतिवृष्टि से प्रभावित किसान और बाढ़ पीड़ितों को मुआवजा नही देगी तो कमलनाथ सरकार का तर्पण कर देंगे। यह बात नेता प्रतिपक्ष श्री गोपाल भार्गव ने शुक्रवार को रहली में धरना प्रदर्शन का नेतृत्व करते हुए कही।
बाढ़ पीड़ितों तक दिल्ली से अधिकारी पहुँचे लेकिन अब तक प्रदेश के मुखिया नही
श्री भार्गव श्री ने कहा कि भाजपा सरकार में जब ओला पाला या प्राकृतिक आपदा होती थी, तो मुखिया शिवराज जी ओर सभी मंत्री किसानों के बीच उनके खेतों में पहुँच जाते थे। प्रदेश में आज बाढ़ के हालत है तो दिल्ली से केंद्रीय अध्ययन दल बाढ़ ग्रस्त इलाकों में नुकसान का जायजा लेने पहुंच चुका लेकिन प्रदेश के मुखिया कमलनाथ जी अभी तक बाढ़ पीड़ितों को देखने तक नहीं पहुंचे हैं। कांग्रेस सरकार के मंत्री बाढ़ ग्रस्त इलाकों में मुआवजा देने के बजाय अधिकारियों से आवभगत करवा रहे हैं।
सरकार बताएं अभी तक बाढ़ पीड़ितों को कितना मुआवजा दिया
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि प्रदेश सरकार मुआवजे की राशि को लेकर केंद्र पर बेबुनियाद आरोप लगा रही है। कमलनाथ सरकार बताए कि उसने अभी तक कितनी मुआवजा राशि कितने बाढ़ पीड़ित किसानों को दी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में किसानों का कर्जा माफ बिजली बिल हाफ का नारा दिया था लेकिन सरकार अब किसानों और उपभोक्ताओं को धोखा दे रही है। कांग्रेस अपने वचन से मुकर रही है।
खराब फसलें ओर बढ़े हुए बिजली बिल लेकर धरने में शामिल हुए किसान
धरना प्रदर्शन में सैकड़ों की संख्या में रहली विधानसभा के पार्टी कार्यकर्ता और किसान शामिल हुए। किसानों ने अतिवृष्टि से खराब हुई सोयाबीन ओर अन्य फसलों को लहराते हुए प्रदर्शन किया। वहीं कुछ किसान बड़े हुए बिजली के बिलों की माला पहनकर धरने में शामिल हुए। प्रदर्शन में नेता प्रतिपक्ष ने "जब तक दुःखी किसान रहेगा-धरती पर तूफान रहेगा" और "हर जोर ज़ुल्म की टक्कर में संघर्ष हमारा नारा है" के नारे लगाए।
मैंने हमेशा जनता की लड़ाई लड़ी
नेता प्रतिपक्ष श्री भार्गव ने धरने को बुंदेलखंडी में सम्बोधित करते हुए कहा कि "नईया जब डगमग पईयो गोपाल संभाले रहियो" ये केवल एक गाना नही है। आज पूरे मध्यप्रदेश की नईया डगमग है। इसीलिए आज लंबे समय के बाद मुझे मंच पर आना पडा है। उन्होंने कहा कि हर चीज वोट के लिए नही होती। हर संघर्ष वोट के लिए नही होता। हर संघर्ष चुनाव के लिए नही होता। जब जब समय पर विपत्ती होती है, तब तब हम जैसे लोगो को सड़को पर उतरना पडता है। उन्होंने कहा कि हमने विपक्ष में राजनीति की है और अभी फिर कर रहे है। अपने अधिकार के लिए कई बार सड़को पर उतरे है। आज एक बार फिर वही दौर है। अपने अधिकारों के लिए हमे सरकार को झुकाना पडेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में चाहे कमलनाथ की सरकार हो या दिग्विजय सिंह की गोपाल भार्गव ने हमेशा जनता की लडाई लडी है।
किसानों की मांगों को लेकर एसडीएम को दिया ज्ञापन
धरने के पश्चात नेता प्रतिपक्ष ने किसानों की विभिन्न मांगों को लेकर राज्यपाल के नाम संबोधित ज्ञापन अनुविभागीय अधिकारी को सौपा। ज्ञापन में किसानों को रबी विपणन वर्ष 18 - 19 में कई समितियों द्वारा चना व सरसों खरीदी का भुगतान नहीं किया गया। यह राशि किसानों को अविलंब दिए जाने। कर्ज माफी का वचन निभाई जाने, प्रदेश सरकार द्वारा फसल बीमा दिलाने की प्रभावी कार्यवाही की जाने, प्रत्येक पंचायत में गौशाला खोलने का वचन निभाने, कमलनाथ सरकार द्वारा प्रदेश के किसानों को केंद्र सरकार कि किसान सम्मान निधि योजना के लाभ से वंचित ना किये जाने। फसलों पर बोनस देने का वचन निभाने, गत वर्ष पंजीकृत किसानों को भावंतर राशि का भुगतान करने और समर्थन मूल्य पर मक्का सहित अधिसूचित फसलों की खरीदी सुनिश्चित करने सहित विभिन्न मांगे शामिल थी।