भोपाल। मध्य प्रदेश में अब ज्यादातर मामलों में तारीखें बढ़ रहीं हैं। कांग्रेस संगठन में प्रदेश अध्यक्ष का नाम तय होना है परंतु गुटबाजी के चलते तारीखें बढ़ रहीं हैं। एक बार फिर तारीख बढ़ गई है। बताया गया है कि सितम्बर के तीसरे या चौथे सप्ताह में नाम तय किया जाएगा। सूत्रों का कहना है कि सीएम कमलनाथ की चाल कामयाब हो गई है।
उमंग सिंघार विवाद की मीटिंग भी नहीं हुई
प्रदेश कांग्रेस के नए अध्यक्ष की नियुक्ति पर अब अगले सप्ताह ही फैसला होने की संभावना है। उधर, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और वन मंत्री उमंग सिंघार विवाद पर भी बैठक टल गई है। अनुशासन समिति के अध्यक्ष एके अंटोनी ने इस मसले पर चर्चा के लिए बैठक बुलाई थी, लेकिन कोरम पूरा नहीं होने के कारण बैठक टल गई। फिलहाल मप्र के नए प्रदेशाध्यक्ष की नियुक्ति का मामला टल गया है, अब इस पर अगले सप्ताह निर्णय लिए जाने की संभावना है।
श्राद्ध पक्ष के नाम पर 15 दिन टलेगा
पार्टी आलाकमान ने बैठक में इस बात के संकेत दिए हैं कि संगठन की मजबूती पर प्रदेश इकाइयां खास ध्यान दें। इसके चलते यह माना जा रहा है कि वे जल्द ही पार्टी के नए प्रदेशाध्यक्ष की नियुक्ति के बारे में फैसला लेंगी। हालांकि पार्टी सूत्रों का कहना है कि शनिवार से श्राद्ध पक्ष शुरू हो गए हैं, इसलिए अब 15 दिन बाद ही प्रदेशाध्यक्ष पर कोई फैसला हो सकेगा।
उमंग सिंघार दिल्ली में है, हाईकमान मिलने को तैयार नहीं
सुर्खियों में रहे वन मंत्री उमंग सिंघार और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के मामले को लेकर पार्टी आलाकमान ने खासी नाराजगी जताई थी और पार्टी में अनुशासन रखने की हिदायत दी थी। इस विवाद के बाद से ही वन मंत्री उमंग सिंघार दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। वहां वे पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के सामने अपना पक्ष रखना चाहते हैं, लेकिन अब तक वहां उनकी सुनवाई नहीं हुई है। वहीं, दिग्विजय सिंह ने सोनिया गांधी से चर्चा हुई है, जिसमें उन्होंने कहा है कि आरोप-प्रत्यारोपों के दौर को वरिष्ठ नेता हस्तक्षेप करते तो स्थिति भयावह नहीं होती।
मुख्यमंत्रियों की बैठक में औपचारिकता पूरी की गई
कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शुक्रवार को नई दिल्ली में कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों तथा प्रदेशाध्यक्षों की बैठक बुलाई। मप्र के मुख्यमंत्री कमलनाथ, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्रर सिंह, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तथा उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और कुछ प्रमुख नेता मौजूद थे। सोनिया ने सरकार और संगठन के बीच तालमेल बिठाने की बात कही, ताकि राज्य सरकारों के कार्यक्रमों को सीधे जनता तक पहुंचाया जा सके। उन्होंने कहा कि पार्टी ने विधानसभा चुनाव में घोषाण पत्र में जो वादे किए थे, उन्हें पूरा किया जाना चाहिए। बैठक में आर्थिक मंदी के मौजूदा दौर पर भी चर्चा की गई और पार्टी की राज्य सरकारों द्वारा इससे निपटने के लिए किए गए उपायों और भविष्य में किए जाने वाले उपायों को तत्परता से लागू करने का फैसला किया गया। राज्य सरकारों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि वे मंत्रियों की रोस्टर आधार पर प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में ड्यूटी लगाएं ताकि लोगों की समस्याओं का समाधान किया जा सके।