नीमच। कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया बाढ़ राहत कार्यक्रम के मामले में सीएम कमलनाथ से नाराज हैं। उन्होंने खुलकर कहा कि मैं प्रदेश में बाढ़ से हुई बर्बादी के सरकारी सर्वे से संतुष्ट नहीं हूं। दोबारा सर्वे (survey) कराया जाए। एक-एक तहसीलदार एक-एक पटवारी वापस सर्वे के लिए जाए और एज़ इट इज़ सर्वे मान्य होना चाहिए।
मैने मुख्यमंत्री को 3 सुझाव दिए थे
कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया आज मालवा के बाढ़ प्रभावित इलाकों नीमच और मंदसौर के दौरे पर आए। नीमच के नयागांव से दौरे की शुरुआत की और बाढ़ से हुए नुक़सान का जायज़ा लिया। भारी तबाही और बर्बादी देखकर सिंधिया बोले मैं सर्वे से संतुष्ट नहीं हूं। उन्होंने कहा पिछले दिनों मेरी सीएम कमलनाथ से मुलाक़ात हुई थी। मैंने राज्य सरकार को 3 सुझाव दिए हैं। बाढ़ पीड़ितों को तीन स्तर पर राहत और सहायता मिलना चाहिए। बाढ़ पीड़ित किसानों को सबसे पहले राजस्व विभाग, फिर बीमा कंपनियों और अंत में केंद्र के आपदा राहत कोष से सहायता मिलना चाहिए। सिंधिया ने कहा किसानों की मदद के लिए एमपी सरकार को केंद्र के पास प्रस्ताव भेजना चाहिए। हम सब मिलकर किसानों की लड़ाई लड़ेंगे।
किसानों के साथ खड़े होना मेरा धर्म है
यहां आकर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा मालवा से मेरा पारिवारिक नाता है। आफत की इस घड़ी में मालवा के किसानों के साथ खड़े होना मेरी जिम्मेदारी नहीं बल्कि मेरा धर्म है। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भाजपा पर हमला किया। उन्होंने कहा भाजपा के अब गाने बजाने के दिन भी चले गए हैं। अब कांग्रेस की सरकार है। हम किसानों को ढांढ़स बंधाने के लिए उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं।