भोपाल। मंत्री उमंग सिंघार, विधायक राज्यवर्धन सिंह और हिरालाल अलावा शराब ठेकेदारों से पैसा मांगते हैं या नहीं, इस मामले की जांच अति. आबकारी आयुक्त मुकेश नेमा को सौंपी गई है। प्रश्न यह है कि जिस प्रदेश में विधायक के झींकने पर अधिकारियों के तबादले हो जाते हों, वहां एडिशनल कमिश्नर क्या उस दिशा में जांच शुरू भी कर पाएंगे जो जनता जानना चाहती है।
मामला क्या है
धार में पदस्थ सहायक आबकारी आयुक्त दुबे और दिग्विजय सिंह के नजदीकी डॉ. आनंद राय का एक ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। इसमें दुबे जिले के दो कांग्रेस विधायक और एक मंत्री पर शराब ठेकेदारों से लाखों रुपए मांगने का आरोप लगा रहे हैं। ऑडियो में डॉ. राय से बात करते हुए दुबे ने कहा कि 15 लाख राज्यवर्धन मांगता है, 20 लाख उमंग सिंघार मांगता है और अब डॉ. हीरालाल अलावा 10 लाख रुपए मांग रहे हैं। इतनी कमाई होती तो अडाणी और अंबानी भी दारू का ही धंधा करते। इतने रुपए ठेकेदार देगा तो मर जाएगा।
मंत्री ने कहा निराधार है
यह बातचीत मनावर विधायक डॉ. अलावा द्वारा हाल ही में शराब की गाड़ी पकड़ने के संबंध में बताई जा रही है। बता दें कि डॉ. अलावा और डॉ. आनंद राय के बीच काफी गहरे दोस्ताना संबंध हैं। उमंग सिंघार से जब इस बारे में बात की गई तो उनका कहना था कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। उन पर जो आरोप लगाए गए हैं वे निराधार हैं और वे कानूनी कार्रवाई भी करेंगे।
जनता क्या जानना चाहती है
जनता जानना चाहती है कि
क्या ऑडियो सही है।
क्या मंत्री उमंग सिंघार और दोनों विधायक शराब माफियाओं से पैसे मांगते हैं।
यदि प्रमाणित होता है कि ऑडियो सही है तो सरकार कार्रवाई क्या करेगी।
सच बोलने वाले आबकारी अधिकारी को निशाना बनाया जाएगा या सरकारी अधिकारी के बयान के आधार पर मंत्री और विधायकों के खिलाफ कार्रवाई होगी।