भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी में आहूत संत समागम की एक फोटो को शेयर करते हुए भाजपा के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने टिप्पणी की है कि सीएम कमलनाथ संस्कृति के संवाहक और संरक्षक हमारे पूजनीय संतों के प्रति कैसा व्यवहार करते हैं। MP के CM कमलनाथ पूजनीय संतों को जूता दिखाकर बैठते हैं और दिग्विजय सिंह को भगवा में रेपिस्ट नज़र आते हैं।
जूता दिखाना तो यह होता है
कमलनाथ के मीडिया समन्वयक नरेन्द्र सलूजा ने कहा कि इस तरह से कुर्सी पर बैठना और किसी को जूता दिखाना, दोनो बातों में बहुत अंदर है। जूता दिखाना तो वह होता है जो कैलाश विजयवर्गीय एक चित्र में एक पुलिस अधिकारी को दिखा रहे है। यह सामान्य ज्ञान का विषय है कि हर व्यक्ति समय-समय पर विभिन्न मुद्राओं में बैठता है। जीवन में कोई भी व्यक्ति ऐसा नहीं होगा जो कुर्सी पर इस मुद्रा में ना बैठा हो, तो इसका मतलब क्या वो पड़ोस में बैठने वाले व्यक्ति को जूता दिखाता है?
कमलनाथ तो मोदीजी के साथ भी ऐसे ही बैठे थे
कमलनाथ जी तो मोदी जी के साथ भी इसी मुद्रा में बैठे थे, यह उनकी बैठने की शैली है। तब तो कोई भाजपाई यह नहीं बोला कि कमलनाथ जी ने मोदी जी को जूता दिखाया? भाजपा निम्न स्तरीय राजनीति पर उतर आयी है। इसे स्वस्थ राजनीति नहीं कहा जा सकता है। विचारों व मूल्यों से खोखले भाजपाईयों के पास मुद्दों का अभाव है। इसलिये इस तरह के बचकाने आरोप वे लगा रहे है। सलूजा ने कहा कि संतो का अपमान तो वो होता है जो शिवराज सरकार ने उन पर लाठीचार्ज कर किया था।