भोपाल। दिग्विजय सिंह की चिट्ठी ने तमाशा खड़ा कर दिया है। उमंग सिंघार सहित कई नेताओं ने उनकी चिट्ठी पर आपत्ति जताई है। इस बीच एक और चिट्ठी सामने आई है। यह उन्होंने अपने चिरंजीव यानी मंत्री जयवर्धन सिंह को लिखी है। निष्कर्ष यह कि मंत्री जयवर्धन सिंह ने भी दिग्विजय सिंह के आवेदन पत्रों पर कोई कार्रवाई नहीं की। सवाल यह है कि क्या जयवर्धन सिंह भी अपने पिता की बात नहीं मानते। उनके आदेश तो दूर की बात, निवेदन पर भी ध्यान नहीं देते।
दिग्विजय सिंह ने अपने बेटे को चिट्ठी में क्या लिखा
दिग्विजय सिंह ने अपने बेटे जयवर्द्धन सिंह को लिखे गए पत्र में कहा, 'माह जनवरी से 15 अगस्त 2019 तक स्थानांतरण सहित विविध विषयों से संबंधित आवेदन पत्र आवश्यक कार्यवाही हेतु आपकी ओर अग्रेसित किए थे। मेरे द्वारा आपको पृथक से पत्र लिखकर मेरे पत्रों पर की गई कार्यवाही अवगत कराने एवं यदि किसी प्रकरण में कार्यवाही संभव नहीं है तो उसकी जानकारी देने का अनुरोध किया गया था। ऐसे में इस संबंध में जानने के लिए मैं आपसे 31 अगस्त 2019 से पूर्व भेंट करना चाहता हूं।' उन्होंने कहा कि इसके लिए 31 अगस्त से पहले मुलाकात के लिए समय देने का कष्ट करें।
दिग्विजय सिंह का मूड क्या है
राजनीति के पंडित समझने की कोशिश कर रहे हैं कि दिग्विजय सिंह का मूड क्या है। जिस तरह की चालें उन्होंने चलीं हैं, पूरी कांग्रेस में उथल पुथल मच गई है। उमंग सिंघार ने उन्हे सीधा निशाना बनाया है तो कांग्रेस के दूसरे नेता भी उनकी इस हरकत को अच्छा नहीं मान रहे हैं। क्या दिग्विजय सिंह ने इसीलिए चिट्ठी लिखीं थीं ताकि इस तरह के हालात बन जाए।