जन अभियान परिषद: क्लोजिंग फाइल तैयार, बस घोषणा शेष | MP NEWS

Bhopal Samachar
भोपाल। शिवराज सिंह चौहान सरकार के समय भाजपा कार्यकर्ताओं को सरकारी नौकरी देने के लिए बनाई गई जन अभियान परिषद को बंद करने की सभी तैयारियां पूरी हो चुकीं हैं। जन अभियान परिषद पर आरोप है कि इसके कर्मचारियों ने सरकारी योजनाओं का नहीं बल्कि शिवराज सिंह चौहान का प्रचार किया और विधानसभा चुनाव में भाजपा का प्रचार किया। 

बताया जा रहा है कि 25 सितंबर को परिषद के संचालक मंडल की प्रस्तावित बैठक में इसपर मुहर लगा जाएगी। बताया जा रहा है कि इस संस्थान में 600 से अधिक कर्माचारी काम करते हैं। जिनमें से 400 से अधिक स्थाई हैं। अगर संस्था को बंद किया जाता है तो उनकी जीविका पर भी सवाल उठेगा। अब सरकार के इस फैसले को लेकर सियासत भी तेज हो गई है। 

बीजेपी ने सरकार के इस फैसले का विरोध किया है। पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि सरकार कर्मचारियों की रोजी-रोटी छीन रही है। सरकार को सोते समय भी आरएसएस दिखाई देता है। उन्होंने कहा कि सरकार को बहानेबाजी छोड़कर जनहित के कार्य करने चाहिए। पिछले सरकार में परिषद का संचालन करने वाले जिम्मेदारों को भी परिषद बंद किए जाने के फैसले से गुरेज है। उनका मानना है कि सरकार रोजगार के नए अवसर सृजन करने के बजाए रोजगार से लगे उन लोगों के पेट पर लात मार रही है जो सरकार की ओर से समाज सेवा का काम कर रहे हैं। 

सरकारी दस्तावेजों के अनुसार कि शासन तथा समुदायों के बीच सेतु की भूमिका निभाने के उद्देश्य से परिषद का गठन दिग्विजय सिंह के कार्यकाल में 1997 में हुआ था, लेकिन इसे अमली जामा 2007 में शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में पहनाया गया और लाखों के बजट के साथ इसे कई काम दिए गए। शिवराज सिंह के आखिरी कार्यकाल में नर्मदा यात्रा और नर्मदा किनारे वृक्षरोपण जैसे कार्यक्रमों को लेकर संस्था बहुत चर्चा में आई। प्रदेश में नई सरकार आने के बाद से ही परिषद निशाने पर था।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!