जबलपुर। मध्य प्रदेश में MPPSC पास असिस्टेंट प्रोफेसर उम्मीदवारों को नियुक्ति के लिए अभी और इंतजार करना होगा। हाईकोर्ट के आदेश पर MPPSC ने असिस्टेंट प्रोफेसर की चयन सूची में संशोधन कर दिया था परंतु एक बार फिर याचिका दाखिल कर दी गई है। इस बार आरोप लगाया गया है कि संशोधित लिस्ट में भी आरक्षण नियमों का पालन नहीं किया गया।
एक्टिंग चीफ जस्टिस आरएस झा एवं जस्टिस विशाल धगट की खंडपीठ ने राज्य सरकार और मप्र लोक सेवा आयोग के सचिव को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। हाईकोर्ट के आदेश पर पीएससी ने 4 सितंबर को नई सूची जारी की थी। सामान्य महिला वर्ग की उम्मीदवार पिंकी असाटी ने याचिका दायर कर बताया कि नई सूची में भी आरक्षण नियमों का पालन नहीं किया गया है। प्रदेश की मूल निवासी महिलाओं के लिए 33% आरक्षण देना था। इनमें से सामान्य वर्ग की महिलाओं के लिए 12 सीटें आरक्षित रखी गईं थीं।
याचिका में आरोप है कि नई सूची में सामान्य महिला वर्ग के लिए आरक्षित सीटों में से सिर्फ 2 सीटें ही इस वर्ग की उम्मीदवारों को आवंटित की हैं। आरोप है कि ओबीसी महिला वर्ग की 9 उम्मीदवारों के नाम इस सूची में शामिल हैं। गौरतलब है कि पूर्व में भी आरक्षण नियमों में अनियमितताओं को लेकर याचिकाएं दायर की गई थीं। पीएससी ने 26 जून को हाईकोर्ट में अंडरटेकिंग दी थी कि आरक्षण नियमों का सही रूप से पालन करते हुए नई चयन सूची जारी की जाएगी।