नई दिल्ली। आखिरकार सवा साल बाद बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भेंट कर ही ली। वे पिछली बार मई 2018 में मोदी से मिली थीं। 25 मई 2018 को शांति निकेतन में विश्व भारती विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में मिले थे। ममता बनर्जी को केंद्र सरकार और पीएम मोदी का विरोधी माना जाता है।
कट्टर मोदी विरोधी मानी जातीं हैं ममता बनर्जी
वे समय-समय पर मोदी के खिलाफ भाषण देती रही हैं। कोलकाता में पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार से जब सीबीआई की टीम पूछताछ के लिए पहुंची थी तब कोलकाता पुलिस ने सीबीआई की टीम को ही हिरासत में ले लिया था। इस घटना के बाद ममता ने पैदल मार्च निकालकर मोदी का विरोध किया था और अगले दिन सुबह से रात तक धरना देकर इसे मोदी की दमनकारी नीति बताया था।
ममता ने मोदी को पीएम तक मानने से इन्कार कर दिया था
लोकसभा चुनाव में यह विरोध चरम पर पहुंच गया था। ममता ने मोदी को पीएम तक मानने से इन्कार कर दिया था। वह उनके शपथ ग्रहण समारोह में भी नहीं गई थी। वहीं पीएम से मुलाकात को लेकर भाजपा ने ममता पर निशाना साधा है।