मप्र हनी ट्रैप: सबसे पहले वो फंसेंगे जिन्होंने NGO को काम दिया | MP HONEY TRAP CASE

Bhopal Samachar
भोपाल। मध्य प्रदेश के सबसे हाई प्रोफाइल हनी ट्रैप मामले में एसआईटी ने अपना काम शुरू कर दिया है। आज पहला दिन डाटा स्टडी में बीता। SIT चीफ संजीव शमी इंदौर पहुंच गए हैं। माना जा रहा है कि शिकंजे में सबसे पहले वो अफसर और नेता आएंगे जिन्होंने हनी ट्रैप गैंग की एनजीओ और कंपनियों को काम दिए। और उनके प्राइवेट वीडियो लड़कियों के मोबाइल से जब्त हुए हैं। 

एचआईटी चीफ ने इंदौर में डेरा डाला

एसआईटी प्रमुख एडीजी काउंटर इंटेलीजेंस संजीव शमी ने मामले की जांच के लिए इंदौर में डेरा डाल लिया है। एसआईटी इस गिरोह से नजदीकी संबंध रखने वाले अधिकारियों और नेताओं द्वारा महिलाओं को फायदा पहुंचाने की दिशा में जांच बढ़ा रही है। 

फोटो/वीडियो में नजर आए अफसरों और नेताओं पर शिकंजा कसेगा

बताया जाता है कि संजीव शमी बुधवार दोपहर में इंदौर पहुंचे। वहां उन्होंने इंदौर पुलिस की अब तक की कार्रवाई का अध्ययन किया। सूत्रों ने बताया कि हनी ट्रैप मामले में अब तक सामने आई सीडी, वीडियो, तस्वीरों में दिखाई देने वाले अधिकारियों और नेताओं के महिलाओं से संबंधों की जांच पड़ताल शुरू कर दी गई है। हर एक अधिकारी और नेता से उनके संबंधों की जानकारियां जुटाई जा रही है। इसी तरह गिरोह में शामिल महिलाओं की संस्थाओं व विभिन्न् कंपनियों से उनके संबंधों की जानकारियां भी एकत्रित की जा रही हैं।

एनजीओ और कंपनियों को किसने काम दिया

सूत्र बताते हैं कि गिरोह के करीबी अधिकारियों व नेताओं की जिम्मेदारियों और महिलाओं को फायदा पहुंचाने की कड़ी को एसआईटी ढूंढकर कार्रवाई करने की रणनीति पर काम कर रही है। इन महिलाओं ने एनजीओ के माध्यम से काम लेने, तबादले-पदस्थापनाएं कराने, विभिन्न प्राइवेट कंपनियों के प्रतिनिधि के तौर पर सरकारी विभागों में काम दिलाने आदि के लिए अधिकारियों व नेताओं से संबंधों का फायदा लिया है।

नेता-अफसर में खलबली जारी

उल्लेखनीय है कि महिलाओं द्वारा बनाई गई सीडी, वीडियो क्लिप्स, तस्वीरों को लेकर गिरोह से जुड़े नेता-अफसरों में खलबली है। ऐसे नेता-अफसर अपने परिचितों-मित्रों के माध्यम से कार्रवाई की टोह भी लेने का प्रयास कर रहे हैं।

संजीव शमी से ईमानदारी की उम्मीद

मामले की जांच के लिए बनाई गई एसआईटी का प्रमुख शमी को बनाए जाने से लोगों को जांच में निष्पक्षता की उम्मीद जागी है। पहले आईजी डी. श्रीनिवास वर्मा को एसआईटी का प्रमुख बनाया गया था, लेकिन वे मामले से जुड़े आला अफसरों-नेताओं के दबाव को झेल नहीं पाते और जांच प्रभावित होने की आशंका के चलते बदल दिए।

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