नरयावली/सीहोरा (सागर)। नरयावली विधानसभा क्षेत्र में ऐसे कई स्कूल हैं, जहां पहुंचने के लिए बच्चों सहित शिक्षकों को नदी, नाले पार करके जाना पड़ता है। ऐसी स्थिति में नालों की ऊंचाई कम होने से यह एक-दो घंटे की बारिश में ही उफान पर आ जाते हैं। इससे स्कूल पहुंच मार्ग बंद हो जाता है।
सुबह मौसम खुला था, छुट्टी से पहले नाले में बाढ़ आ गई
पीपरा गांव में बीते रोज सुबह के समय मौसम खुला रहा। ऐसे में बच्चे और शिक्षक स्कूल पहुंच गए, लेकिन दोपहर में हुई तेज बारिश के बाद पीपरा का नाला उफान पर आ गया। छुट्टी होने के बाद शिक्षक व बच्चे शाम तक स्कूल में ही नाला उतरने का इंतजार करते रहे।
छात्रों ने जान हथेली पर लेकर नाला पार किया
नाले उतरने के इंतजार में रात 9 बजे गए। इसके बाद गांववालों ने खतरे के बीच बच्चों को ट्रैक्टर में बैठाकर नाला पार कराया, तब वे घर पहुंच सके। वहीं पीपरा व हरवंशपुरा गांव के बीच रास्ते में बने पुल पर पानी भरा होने से एक बच्ची बहते-बहते बची। साथी विद्यार्थियों ने उसे बहने से बचाया।
एक सप्ताह में दो बार ऐसी स्थिति बन चुकी है
नरयावली से लुहारी मार्ग पर बना नाला बारिश में उफान पर आ जाता हैं। गांववालों के मुताबिक लुहारी गांव के तीन ओर से धसान नदी है। एक रास्ता लुहारी से नरयावली को गया है, लेकिन जब धसान नदी उफान पर होती है तो इस मार्ग पर पड़ने वाले नाले भी उफान पर होते हैं। इससे नरयावली जाना वाला मार्ग भी बंद हो जाता है। एक सप्ताह में दो बार ऐसी स्थिति बन चुकी है, कि लुहारी गांव टापू बन गया।
सरकारी बयान
ऐसे स्कूल जहां आने-जाने में नदी, नाले पड़ते हैं, वहां के शिक्षकों को एहतियात बरतने के निर्देश दिए हैं। पुल या पुलिया पर अधिक पानी होने की दशा में सतर्कता बरतें। बच्चों का विशेष रूप से ध्यान दें। इस साल लगातार हुई बारिश से कुछ जगह ऐसी समस्याएं आई हैं, जहां बच्चे व शिक्षक परेशान हुए हैं। अब बारिश का दौर खत्म होने वाला है। स्थिति में सुधार है।
एचपी कुर्मी, डीपीसी, सागर