भोपाल। राज्य आपदा आपातकालीन मोचन बल के संविदा कर्मचारी जो दूसरों को आपदा से बचाते थे उनकी खुद की संविदा आपदा में फंस गई है और डीजी के मौखिक आदेश से संविदा समाप्त कर दी गई है। अपनी संविदा बढ़ाने की गुहार लगाने आज आपदा मोचन बल के संविदा कर्मचारी म.प्र. संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर के नेतृत्व में मुख्यमंत्री निवास पहुंचकर ज्ञापन सौंपा।
मुख्यमंत्री निवास में मुख्यमंत्री नहीं होने के कारण संविदा कर्मचारियों में मुख्यमंत्री के ओएसडी को ज्ञापन सौंपा और कहा कि हम दूसरों को आपदाओं से बचाकर उनके और उनके परिवार की रक्षा करते थे लेकिन आज हमारे ऊपर आपदा आ गई है। साढ़े तीन वर्ष काम करवाने के बाद डीजी अशोक दोहरे ने 28 संविदा कर्मचारियों की संविदा मौखिक बोलकर समाप्त कर दी हैं और कहा कि घर जाओ और संविदा कर्मचारियों की जगह प्रतिनियुक्ति पर होमगार्ड के जवानों को बुला लिया है।
जबकि आपदा मोचन बल के गजट नोटिफिकेेशन में स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि तीन वर्ष की संविदा के पश्चात् दो वर्ष की संविदा में वृद्वि की जायेगी तथा 5 जून 2018 को सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा बनाई गई संविदा नीति में स्पष्ट उल्लेख है कि संविदा कर्मचारियों को हटाया नहीं जायेगा। 1 अगस्त 2019 को संविदा कर्मचारियों के सबंध में माननीय मुख्यमंत्री कमलनाथ महोदय के द्वारा भी सभी अधिकारियों को निर्देश दिये गये थे कि संविदा कर्मचारियों को हटाया नहीं जायेगा उसके बावजूद भी विभाग के अधिकारी सरकार के निर्देशों का पालन नहीं कर मनमानी कर रहे हैं।
मप्र संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने बताया कि आपादा मोचन बल के संविदा कर्मचारी जो कि वर्ष मार्च 2016 में विधिवत् आनलाई की परीक्षा देकर पारदर्शी तरीके से भर्ती हुये थे और निरंतर कार्य कर रहे थे। मुख्यमंत्री निवास में उपस्थित अधिकारी ने बताया कि आपकी वापसी की प्रक्रिया चल रही है।