प्रति , प्रमुख सचिव (कार्मिक),म.प्र. शासन, भोपाल। विषय:- दिनांक 12-13 सितंबर 2019 की रात्रि को होशंगाबाद कलेक्टर के बंगले में घटित घटना के संबंध में। महोदय, कृपया विषयान्तर्गत निवेदन है कि मैं रवीश श्रीवास्तव उप जिलाध्यक्ष के पद पर होशंगाबाद जिले में पदस्थ हूँ तथा अगस्त 2019 से 13.09.2019 तक अनुविभागीय अधिकारी राजस्व होशंगाबाद के पद पर पदस्थ था।
घटनाक्रम 12-13.09.2019 की रात्रि 9:00 बजे से प्रातः 4:00 बजे तक
मै आपका ध्यान दिनांक 12-13.09.2019 की रात्रि 9:00 बजे से प्रातः 4:00 बजे तक के घटनाक्रम की ओर आकृष्ट करना चाहता हूँ, जिसमें जिला होशंगाबाद के कलेक्टर महोदय द्वारा अपने बंगले पर एवं दूरभाष द्वारा मुझसे अभद्रतापूर्ण व्यवहार किया व दबाव बनाकर नजूल की महत्वपूर्ण नस्तियों को को बिना लिखित पावती-अभिस्वीकृति के तहसीलदार होशंगाबाद को सौंपने का निर्देश दिया। इसी दौरान मेरे द्वारा अवैध रेत परिवहन के विरुद्ध की जा रही कार्यवाही को प्रभावित करते हुए अन्य सभी अधीनस्थ स्टाफ को भी मेरे निर्देश का पालन न करने निर्देशित किया। सम्पूर्ण घटनाक्रम निम्नानुसार है-
9:29 बजे, कलेक्टर ने पहला फोन किया
1) रात्रि 9:29 बजे, कलेक्टर महोदय ने दूरभाष के माध्यम से मुझे निर्देशित किया गया कि नजूल शाखा से संबंधित ऑफीसर्स क्लब वाली नस्ती और प्रकरण की 4 फाइलें तुरंत तहसीलदार होशंगाबाद को दे दी जाएं। महाधिवक्ता महोदय द्वारा जवाब तैयार करने हेतु यह प्रकरण जबलपुर बुलाया गया है।
50 करोड़ का मामला है, तहसीलदार शैलेंद्र बडोनिया पावती देने तैयार नहीं थे
2) मैंनें तत्काल अपने रीडर श्री गजेंद्र को फोन कर निर्देशित किया गया कि आप यह प्रकरण तहसीलदार को दे दे और उनसे इस सम्बंध में विधिवत पावती प्राप्त कर लें। रीडर द्वारा मुझे बताया गया की तहसीलदार श्री शैलेंद्र बडोनिया द्वारा रसीद देने से मना कर दिया गया है एवं उनके द्वारा यह कहा गया है कि मैं अपने व्यक्तिगत कार्य से जबलपुर जा रहा हूं और प्रकरण तो मैं अपने साथ ऐसे ही लेकर जा रहा हूं। चूंकि यह बहुत महत्वपूर्ण प्रकरण है जिसमें 40-50 करोड़ की शासकीय भूमि के स्वामित्व और आधिपत्य को लेकर विवाद है एवं नस्ती में सन 1910-11 आदि के दस्तावेज मूलतः संलग्न हैं, अतः नजूल अधिकारी के रूप में उक्त अभिलेखों की हिफाजत के लिये केवल मैं जवाबदार होऊंगा। अतः उसे बिना लिखित प्रमाण के किसी को भी न सौंपा जाए, ये अपने वाचक को निर्देशित कर मै गणेश विसर्जन की व्यवस्था देखने नगर भ्रमण पर रवाना हुआ।
रात्रि 11:00 बजे लिखित में दिया
3) रात्रि 11:00 बजे मेरे प्रवाचक ने फोन द्वारा मुझे बताया कि श्री बडोनिया ने यह लिखित में दे दिया है कि वह यह प्रकरण लेकर जबलपुर जा रहे हैं, तब मैंने उन्हें सम्पूर्ण नस्ती सौंपने हेतु निर्देशित किया।
प्रतिमाओं के विसर्जन व्यवस्था में व्यस्त था
4) क्षेत्र मे लगातार बारिश होने से बाढ़ की संभावना को देखते हुए तथा गणेशोत्सव की प्रतिमाओं के विसर्जन की व्यवस्था व सतत निगरानी करने हेतु मैं क्षेत्र में निरंतर भ्रमण कर स्थितियों का जायज़ा ले रहा था।
वैभव शर्मा के स्टॉक पर 50 ट्रक दिखे तो रुक गया
5) इसी क्रम में मैं रात्रि 11:00 बजे बांद्रा भान स्थित विसर्जन स्थल पहुंचकर समीक्षा किया। वहां से लौटते वक्त मेरे द्वारा कुलामणि रोड स्थित श्री वैभव शर्मा के स्टॉक पर करीब 50 ट्रक खड़े और कुछ रेत से लदे वाहन जाते देखकर इस संबंध में जानकारी लेने रुका।
शाम 6:00 बजे से ही सारे रॉयल्टी पोर्टल बंद थे
6) प्रमुख सचिव खनिज विभाग महोदय के आदेश दिनांक 12.09.2019 के अनुसार शाम 6:00 बजे से ही सारे रॉयल्टी पोर्टल बंद कर दिए गए थे क्योंकि किसी भी खदान स्टॉक संचालक के पास म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड या एन.जी.टी. से प्राप्त वैध अनुज्ञा नहीं थी। अतः समय सीमा के पश्चात ट्रकों का वहां खड़ा होना तथा उनमें रेत भरकर परिवहन किया जाना मुझे संदेहास्पद लगा। मेरे द्वारा वहां पूछताछ करने पर उनके द्वारा बताया गया कि यह ट्रक शाम 7:00 बजे से रेत लेने के लिए खड़े हुए हैं, जिससे यह स्पष्ट था कि रात में रेत भरकर उन्हें भेजा जाएगा।
प्रशासनिक टीम को कार्रवाई के लिए बुलाया
7) अतः मैने तत्काल माइनिंग इंस्पेक्टर सुश्री अर्चना ताम्रकार एवं नायब तहसीलदार श्री ललित सोनी को फोन करके तुरंत मौके पर उपस्थित होने निर्देशित किया। खनिज निरीक्षक मौके पर डेढ़ घंटे बाद भी नहीं पहुंची।
रात 12:29 पर कलेक्टर ने तुरंत बंगले पर बुलाया
8) रात्रि करीब 12:29 पर बंगले से कलेक्टर महोदय ने फोन करके मुझे तुरंत बंगले पर आने के लिए कहा। तब मैंने नायब तहसीलदार श्री सोनी को फोन करके बोला कि मुझे कलेक्टर महोदय ने बुलाया है अतः आप यहाँ आकर ट्रकों पर विधिवत कार्यवाही करें। मुझे श्री सोनी द्वारा बताया गया कि उन्हें भी कलेक्टर महोदय ने अपने बंगले पर तुरंत आने के लिए कहा है। अतः इन ट्रकों से संबंधित कोई भी कार्यवाही मेरे द्वारा या नायब तहसीलदार द्वारा नहीं की जा सकी।
कलेक्टर ने बहुत अन्य अधिकारी/कर्मचारी बुला लिए थे साइन करवा रहे थे
9) कलेक्टर बंगले पर पहुंचने पर मैंने देखा कि कलेक्टर महोदय श्री सोनी (नायब तहसीलदार श्री ललित सोनी) से किसी बयान पर दस्तखत करवा रहे थे। उन्होंने मेरे रीडर श्री गजेंद्र एवं बाबू श्री नवीन आदि मेरे स्टाफ को भी वहीं पर बुलवा लिया गया था और उनसे बोल रहे थे कि साइन नहीं करोगे तो बर्खास्त कर दूंगा। तहसीलदार होशंगाबाद ग्रामीण श्री शैलेंद्र बडोनिया भी इस दौरान वहां मौजूद थे।
भय बनाकर हस्ताक्षर करवाए
10) ऐसे भय के माहौल में कलेक्टर महोदय द्वारा मेरे प्रवाचक श्री गजेंद्र, श्री नवीन, नायब तहसीलदार श्री सोनी आदि के हस्ताक्षर करवाए।
कलेक्टर ने कहा: लिखित आदेश की आवश्यकता नहीं होती
11) कलेक्टर महोदय द्वारा मुझे कहा गया कि आपके द्वारा यह फाइल तुरंत तहसीलदार को दी जानी चाहिए थी और और यह एक कलेक्टर की अधिकारिता होती है कि वह कोई भी फाइल किसी भी ऑफिस से कभी भी मंगा सकता है। मेरे द्वारा यह कहे जाने पर कि मेरे पास कोई लिखित दस्तावेज ना होने के कारण मैंने तहसीलदार श्री बडोनिया कुल लिखित पावती देने हेतु कहा था। इसपर कलेक्टर महोदय द्वारा कहा गया कि नजूल की सभी फाइल एवं दस्तावेजों की जवाबदारी वहां के प्रवाचक या बाबू की होती है ना कि नजूल अधिकारी की और आपने ऐसा करके मेरे आदेश की अवहेलना की है। ऐसे प्रकरणों में कोई भी लिखित आदेश की आवश्यकता नहीं होती है मौखिक आदेश पर ही आपको यह फाइल तुरंत हैंड ओवर करनी थी।
12) कलेक्टर महोदय द्वारा मुझे कहा गया कि वह मुझ पर FIR दर्ज कराकर जेल भिजवा देंगे।
13) मैंने कलेक्टर महोदय को यह समझाने का प्रयास किया कि मेरे द्वारा उनके आदेश की अवहेलना नहीं की गई है, परंतु तहसीलदार ने मुझे कोई भी लिखित दस्तावेज नहीं दिया इस कारण मैंने उन्हें वह फाइल नहीं दी। जैसे ही उन्होंने लिखित में ये दस्तावेज दिए मैंने उन्हें नस्ती देने के लिए प्रवचन श्री गजेंद्र को कह दिया था।
वह मुझे टर्मिनेट कराएंगे
14) कलेक्टर महोदय द्वारा मुझे फिर इस संबंध में धमकी दी गई कि वह मुझे टर्मिनेट कराएंगे और इस संबंध में GAD को अभी तुरंत पत्र लिखेंगे। मैंने उनसे पुनः निवेदन किया कि इस प्रकरण में मेरी कोई गलती नहीं है क्योंकि आपके द्वारा मुझे इस फाइल के संबंध में कोई लिखित आदेश नहीं दिया गया था ना ही इस फाइल का कोई रिक्विजिशन हाईकोर्ट से आया था। और औपचारिकता पूरी होने पर फाइल तहसीलदार को देने हेतु आदेशित भी कर दिया गया था।
सारी होशियारी तुम्हारी निकाल दूंगा
15) तब कलेक्टर महोदय ने मुझसे कहा कि तुम्हें तुरंत एसडीएम पद से हटा रहा हूं और तुम्हारे द्वारा ये जो कार्यवाही की जा रही है, वह सारी होशियारी तुम्हारी निकाल दूंगा। अगर मेरे आदेश का पालन नहीं किया तो इस जिले में तुम नौकरी नहीं कर पाओगे।
ऐसे-ऐसे प्रकरणों में फंसा दूंगा की तुम्हारी नौकरी नहीं बच पाएगी
16) कलेक्टर महोदय द्वारा मुझे धमकी दी गई कि तुम्हें ऐसे-ऐसे प्रकरणों में फंसा दूंगा की तुम्हारी नौकरी नहीं बच पाएगी और अब तुम देखो तुम पर मैं कैसी-कैसी कार्यवाही करवाता हूं। इतनी शिकायतें तुम पर करवा लूंगा कि तुम्हारी नौकरी खत्म हो जाएगी।
कलेक्टर एवं एडीएम ने अभद्र भाषा में बात की
17) कलेक्टर महोदय एवं एडीएम महोदय द्वारा इसके पश्चात मुझसे अभद्र भाषा में बात की गई और कलेक्टर महोदय द्वारा मुझे कक्ष छोड़ कर बाहर चले जाने को कहा गया जिसका पालन मैंने किया।
सिपाहियों ने कहा कि कलेक्टर महोदय ने नजरबंद कर लिया है
18) थोड़ी देर बाद कलेक्टर महोदय का सिपाही मेरे पास आया और उनके द्वारा मुझे कहा गया कि कलेक्टर महोदय मेरा फोन जप्त करने बोल रहे हैं। मेरे द्वारा कहा गया कि जब तक कोई विधिवत कार्यवाही या वारंट नहीं होता तब तक मैं अपने फोन नहीं दूंगा। इसके पश्चात में अपने शासकीय वाहन से बंगले से जाने लगा। तब कलेक्टर महोदय के आदेश पर उनके दो सिपाही मेरी गाड़ी के सामने खड़े हो गए और मेरे ड्राइवर श्री मोहित को पकड़ कर खींच कर गाड़ी से बाहर निकाल लिया। फिर उन्होंने मेरी वाहन की चाबी निकालकर रख ली और यह कहा कि कलेक्टर महोदय का आदेश है कि आप बंगले में नजरबंद हैं, आप को गिरफ्तार कर लिया गया है और आप अब बंगला छोड़कर नहीं जा सकते।
गार्ड ने बार बार कहा कि कलेक्टर का आदेश है
19) मेरे द्वारा गार्ड से यह पूछे जाने पर कि आदेश किसने दिया है गार्ड ने बार-बार यही बोला कि आदेश कलेक्टर महोदय द्वारा दिया गया है। तब मैंने गार्ड से पूछा कि किस संबंध में मुझे यहां रोका गया है यदि मेरी गिरफ्तारी की गई है तो मुझ पर क्या आरोप है, गार्ड द्वारा यही कहा गया कि इस संबंध में कलेक्टर महोदय ने ही आदेश दिए हैं।
रात्रि 3:15 बजे मुझे छोड़ा गया
20) रात्रि 12:30 बजे से 3:15 बजे तक घनघोर वर्षा के बीच में मैं कलेक्टर बंगले के मुख्य दरवाजे पर खड़ा रहा और गार्ड द्वारा मुझे बाहर नहीं जाने दिया गया। रात्रि 3:15 बजे गार्ड द्वारा मुझे सूचित किया गया कि अब आप जा सकते हैं और मेरा वाहन मेरी तरफ भेजा गया। मेरे द्वारा गार्ड को कहा गया कि आप एक बार फिर से पुष्टि कर लीजिए नहीं तो आप मुझे फरार घोषित करवा देंगे।
मुझे पैदल, मेरे ड्राइवर को गाड़ी से छोड़ा
21) इसके बाद मेरा शासकीय वाहन कलेक्टर महोदय द्वारा अपने ही बंगले पर खड़ा करवा लिया गया और अंदर से यह आदेश आया कि आप पैदल ही बंगले से चले जाएं, मैं बंगले से बाहर पैदल ही निकल रहा था तभी मेरे ड्राइवर श्री मोहित को छोड़ने के लिए तहसीलदार की गाड़ी आई जिसमें बैठकर मैं कलेक्टर बंगले से 3:15 बजे के आसपास बाहर आया।
सीसीटीवी कैमरा गवाह है
22) इन सभी तथ्यों की पुष्टि कलेक्टर बंगले में लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज के आधार पर की जा सकती है।
कमिश्नर को रात 2 बजे ही बता दिया था
23) उपरोक्त घटनाक्रम के संबंध में मैंने श्रीमान संभागायुक्त महोदय को रात्रि लगभग दो बजे अवगत करा दिया था।
कुलामणि स्टॉक पर कार्रवाई की इसलिए यह सब हुआ
24) रात्रि 9.27 बजे से लेकर रात्रि 12.30 बजे तक कलेक्टर महोदय ने विवादित फाइल का कोई संज्ञान नहीं लिया और मेरे द्वारा तहसीलदार को उक्त फाइल सौंपे जाने के निर्देश के पश्चात कुछ शेष भी नहीं था, परंतु जैसे ही मैंने कुलामणि स्टॉक से बड़े पैमाने पर किये जा रहे रेत के अवैध परिवहन पर कार्यवाही करने खनिज एवं राजस्व अमले को तलब किया, तत्काल कलेक्टर महोदय द्वारा मुझे वहाँ से अपने बंगले बुलाकर लगभग 3 घंटे मुझे जबरजस्ती बैठा के रख गया और कार्यवाही पूर्ण नहीं होने दी।
सभी 7 खदानों की शिकायतें हैं
25) उक्त के अतिरिक्त जिन अन्य 7 खदानों को कलेक्टर महोदय द्वारा अनुज्ञप्ति दी गई है, उन सभी के विरुद्ध पूर्व से ही अवैध रेत उत्खनन व परिवहन की लगातार शिकायतें प्राप्त हो रहीं थीं। अतः भौतिक सत्यापन में गड़बड़ी रोकने के लिए मैंने सत्यापनकर्ता अधिकारियों की अदला-बदली की थी, जिसे भी कलेक्टर महोदय द्वारा निरस्त कर दिया गया। इस अवैध कार्य में संलिप्त, क्षेत्र के एक पटवारी के मेरे द्वारा किये गये स्थानांतरण को भी उनके द्वारा निरस्त कर दिया गया। इतनी शिकायतों के बावजूद उनके द्वारा उक्त खदानों को नियमों को ताक पर रखते हुए अनुज्ञप्ति जारी की गई।
तहसीलदार ग्रामीण शैलेंद्र बड़ोनिया
26) उक्त खदान की विस्तृत जांच हेतु मैंने तहसीलदार ग्रामीण श्री शैलेंद्र बड़ोनिया को लिखित में निर्देशित किया था, परंतु उनके द्वारा जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत नहीं किया गया। इसी प्रकार बाढ़ नियंत्रण में ड्यूटी होने के बावजूद मोहर्रम के कार्यक्रम में उपस्थिति को लेकर मेरे द्वारा अपने खास और चहेते अधिकारी के विरुद्ध कारण बताओ नोटिस जारी किए जाने से कलेक्टर महोदय मुझसे क्षुब्ध हो गये और द्वेषपूर्वक मेरे विरुद्ध ये पूरी कार्यवाही की गई।
महोदय से निवेदन है कि प्रार्थी को प्रकरण में न्याय व जिला होशंगाबाद के विभिन्न माफिया से संरक्षण प्रदान करने की कृपा करें।
संलग्न:- १. दिनांक 13.9.19 को कुलामणि स्टॉक पर ट्रकों की फोटोग्राफ्स एवं वीडियो।
२. रात्रि में गार्डों द्वारा अभद्रता एवं अवैध रूप से रोके जाने का वीडियो।
३. समाचार पत्रों की कतरन।
धन्यवाद सहित सादर,
रवीश श्रीवास्तव,
उप जिलाध्यक्ष,
होशंगाबाद।
प्रतिलिपि:- 1. श्रीमान संभागायुक्त महोदय, नर्मदापुरम संभाग, होशंगाबाद।
2. अध्यक्ष, मध्य प्रदेश प्रशासनिक सेवा संघ, भोपाल|