सीहोर। भाजपा की महिला नेता अमिता अरोरा पहली दफा वोट से चुनाव जीतकर नगरपालिका अध्यक्ष बनीं थीं। कमलनाथ सरकार ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर उसे पद से हटा दिया और अपना अध्यक्ष मनोनीत कर दिया लेकिन अमिता अरोरा इसे अपना भाग्य मानकर चुप नहीं बैठीं। हाईकोर्ट में सरकार के खिलाफ मुकदमा लड़ा, और कोर्ट से जीतकर फिर से नगर पालिका अध्यक्ष की कुर्सी पर आकर बैठ गईं।
मामला क्या है
मध्य प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद कमलनाथ सरकार ने सीहोर की नगर पालिका अध्यक्ष अमिता अरोरा को अध्यक्ष पद से हटा दिया था और उनकी जगह कांग्रेस नेता व पार्षद नमिता राठौर को अध्यक्ष मनोनीत कर दिया था। सरकार के इसी फैसले के खिलाफ अमिता अरोरा ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी जिसमें सरकार उनके खिलाफ भ्रष्टाचार प्रमाणित नहीं कर पाई। कोर्ट ने उन्हे फिर से अध्यक्ष पद पर काम करने की अनुमति दे दी।
पदभार ग्रहण कर फिर से शुरू किया काम
इस निर्णय के बाद बीजेपी की निर्वाचित अध्यक्ष अमिता अरोरा ने नगरपालिका परिषद पहुंच कर अपनी ज्वाइंनिंग दी। साथ ही पदभार ग्रहण कर फिर से काम करना शुरू कर दिया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने जानबूझकर बीजेपी के अध्यक्षों को पद से हटा कर कांग्रेस समर्थित लोगों को पद पर काबिज करा रही है। उन्होंने कहा कि मैंने हाईकोर्ट के निर्णय के बाद अपनी आमद नगरपालिका परिषद में दी है। मैं शहर में विकास के कार्य प्राथमिकता से करवाऊंगी और शहर को आदर्श बनाऊंगी।