SPA BHOPAL के हॉस्टल में असम की छात्रा की संदिग्ध मौत

Bhopal Samachar
भोपाल। खजूरी सड़क स्थित स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर (एसपीए) इंस्टीट्यूट के गर्ल्स हॉस्टल में गुवाहटी, असम की एक छात्रा प्रियाली उर्फ प्रियांशी डे की संदिग्ध मौत हो गई। उसका चेहरा पॉलिथिन से बंद था और मुंह में एलपीजी गैस का पाइप घुसा हुआ था। गैस सिलेंडर भी ऑन था। हॉस्टल प्रबंधन का कहना है कि उसने सुसाइड किया है परंत पुलिस इसे संदग्धि मौत मान नही है। शव के पास से एक सुसाइड नोट भी मिला है वो भी संदिग्ध नजर आ रहा है। 

किस स्थिति में शव मिला

खजूरी थाना प्रभारी एलडी मिश्रा के अनुसार गुवाहटी असम की रहने वाली प्रियाली उर्फ प्रियांशी डे एसपीए इंस्टीट्यूट भौंरी में आर्किटेक्चर में अंतिम वर्ष की छात्रा थी। उसने शनिवार दोपहर के करीब उसकी मौत हुई। कमरा बंद था। मुंह में एलपीजी गैस का पाइप था, ​गैस सिलेंडर ऑन था। इतना ही नहीं उसका चेहरा पॉलिथिन से बंद भी था। उसकी सहेली ने रात में उसके कमरे का दरवाजा खटखटाया लेकिन नहीं खुला। हॉस्टल स्टाफ को इसकी जानकारी दी गई। इसके बाद सब ने दरवाजा तोड़ दिया। अंदर प्रियाली की बॉडी पड़ी थी। उसे भैंसाखेड़ी स्थित निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।

संदिग्ध सुसाइड नोट

खजूरी थाना प्रभारी मिश्रा का कहना कि प्रियाली के शव के पास से एक सुसाइड नोट मिला है। इसमें लिखा है कि वह अपनी मर्जी से जान दे रही है। उसके पैर में काफी दर्द रहता है। पूर्व में पैर फ्रैक्चर हो गया था। उसने पढाई के लिए लोन ले रखा है, जिसकी हर माह वह किस्त जमा करती है। वह आगे लिखती है कि मेरा ब्रेन अब डेड हो चुका है, वह काम नहीं करता है। मैं परेशान हो चुकी हूं, इसलिए अपनी मर्जी से जान दे रही हूं। सुसाइड नोट में अंग दान करने की इच्छा भी जताई। 

प्रियाली तो टॉपर थी, उसे स्कॉलरशिप मिलती थी

प्रियाली के साथ पढ़ने वाली शिवांगी और शिवा नाम की छात्राओं से पुलिस ने पूछताछ की थी। उन्होंने बताया कि प्रियाली होनहार थी। अपने बैच की टॉपर होने के कारण उसे छात्रवृत्ति मिलती थी। सभी लोगों के साथ प्रियाली का व्यवहार सामान्य था। उसने कभी किसी परेशानी का जिक्र नहीं किया।

शनिवार दोपहर से दरवाजा बंद था

वह हॉस्टल के रूम नंबर 301 में रहती थी। शनिवार को वे दोनों मार्केट जा रही थी। जाते समय उन्होंने प्रियाली को फोन किया, लेकिन उसने रिसीव नहीं किया था। लौटने के बाद वह प्रियाली के कमरे पर गईं, लेकिन दरवाजा बंद था। बहुत खटखटाने पर भी दरवाजा नहीं खुला तो उन्होंने वार्डन और अन्य स्टाफ को जानकारी दी। सबने मिलकर दरवाजा तोड़ा और उसे अस्पताल ले गए, लेकिन वह नहीं बची।

पीएम के बाद शव को परिजन ले गए

मृतका का परिवार गुवाहटी असम में रहता है। खजूरी पुलिस ने उसके पिता संतोष डे को फोन घटना की जानकारी दी। इस दौरान शव को हमीदिया अस्पताल की मर्चुरी में रखवा दिया गया था। मुंबई से उसके भाई के आने के बाद रविवार शाम को पोस्टमार्टम कराया गया। इसके बाद शव को परिजनों को सौंप दिया गया। वे उसे लेकर असम रवाना हो गए।

सिल्चर में है पिता का कारोबार... 

थाना प्रभारी एलडी मिश्रा के अनुसार प्रियाली के पिता संतोष डे का सिल्चर में स्वयं का कारोबार है। प्रियाली तीन बहनों में दूसरे नंबर की थी। पुलिस ने परिजनों को सूचना दी थी। मुंबई से उसका भाई आदित्य शव को विमान से लेकर सिल्चर (असम) रवाना हो गया है।

ऑनलाइन बुलाया था सिलेंडर 

थाना प्रभारी मिश्रा के मुताबिक प्रियाली खुदकुशी की प्लानिंग पहले ही कर चुकी थी। उसने 23 अगस्त को ऑनलाइन आर्गन गैस सिलेंडर बुलाया था। वह बाजार से उसका नोजल और पाइप भी खरीदकर लाई थी। पुलिस को उसके कमरे से बिल भी मिले हैं। पुलिस खुदकुशी के कारणों की जांच कर रही है। आर्गन गैस का इस्तेमाल वेल्डिंग और आयरन कटिंग में इस्तेमाल किया जाता है।

इसलिए हुई मौत

एफएसएल सागर के डायरेक्टर डाॅ. हर्ष शर्मा के अनुसार जहरीली गैस शरीर के अंदर जाने से फेफड़ों को प्रभावित कर देती है। इससे फेफड़े पूरी तरह काम करना बंद कर देते हैं, जिससे व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है। 

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