रतीराम गाडगे टीकमगढ़। संयुक्त जिला टीकमगढ़, निवाडी में शासकीय माध्यमिक शालाऐं, 601 संचालित हैं। उक्त शालाओं में विषयवार अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति नही हुईं तथा अब बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही हैं। जबकि तिमाही परीक्षा सितंबर माह की अंतिम साप्ताह में संपन होने जा रही हैं। जिससे छात्र/छात्राऐं मायूस नजर आ रहे हैं। ऐसी स्थिति में बच्चो का बार्षिक परीक्षा परिणाम प्रभावित होना स्वाभाविक माना जा रहा हैं।
शिक्षा विभाग की इस करतूत का ऐसा भी नही हैं। कि विपक्ष पार्टी को पता न हों हलांकि जिले में विपक्ष पार्टी बीजेपी के चार विधायक है। शायद वो भी परोक्ष रुप से बच्चों का नष्ट होता भबिष्य का मंजर देखना मुनासिब मान रहें हैं। बताते चले। नवीन शिक्षा सत्र 2019/20 को प्रारंभ हुऐ चार माह होने जा रहा है। बाबजूद इसके माध्यमिक शालाओं में विषयवार अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति नही की गईं। जबकि संयुक्त जिला में माध्यमिक शालाऐं 601 संचालित हैं। जिसमें टीकमगढ 117, बल्देवगढ 105, जतारा 112, पलेरा 100, निवाडी में 86, पृथ्वीपुर 81, शालाऐं संचालित हैं।
उक्त शालाओं में विषयवार, सामाजिक विज्ञान अतिथि शिक्षकों की भर्ती नही की गई। जिससे बच्चो की पढ़ाई प्रभावित हो रही हैं। जबकि तिमाही परीक्षा सितंबर माह के अंतिम सप्ताह में संपन होने जा रह हैं। जिससे छात्र/छात्राऐं मायूस नजर आ रहे हैं। ऐसी स्थिति में छात्रों का बार्षिक परीक्षा परिणाम प्रभावित होना स्वाभाविक माना जा रहा है। प्रदेश की कमलनाथ सरकार कौन सी कूटनीतिक चाल चल रही है। समझ से परे है। इस ओर कोई ध्यान नही दे रहा है। जबकि जिले में विपक्ष बीजेपी पार्टी के चार बिधायक है।
टीकमगढ से राकेश गिरी, खरगापुर से राहुल लोधी, जतारा से हरिशंकर खटीक, निबाडी से अनिल जैन बिधायक है। शायद परोक्ष रुप से बीजेपी पार्टी के विधायक भी यही चाहते हैं। कि बच्चो का भबिष्य नष्ट हो जायें। इसीलियें पहल करने की जगह कुंभकरण की भांति गहरी नींद में चारो जनप्रतिनिधि सो रहे हैं। ध्यान देने बाली बात ये है। कि शासकीय स्कूलों में अधिकांश गरीब तबके बच्चे अध्ययनरत रहते हैं, उन्ही गरीब बच्चो को अब विषयवार शिक्षा से वंचित किया जा रहा हैं।