नई दिल्ली। पति-पत्नी का यह रिश्ता टूट चुका था। पत्नी ने कोर्ट में तलाक के लिए याचिका दाखिल कर दी थी और तलाक की प्रक्रिया भी शुरू हो गई थी। इसी बीच दोनों वैष्णोदेवी के दर्शन हेतु यात्रा पर निकले और जब लौटे तो उन्होंने तलाक की याचिका वापस ले ली।
रिश्तेदारों को उपहार नहीं मिले, बहू को ताने मारने लगे
ईस्ट दिल्ली में रहने वाली युवती की शादी साल 2018 में नोएडा की सॉफ्टवेयर कंपनी में जॉब करने वाले इंजिनियर से हुई थी। रिश्तेदार इस बात को लेकर नाराज थे कि शादी में उनकी मिलनी (मान सम्मान) अच्छी तरह से नहीं की गई। तानों से दुखी होकर लड़की वापस अपने मायके लौट आई।
लड़की ने मायके से तलाक की अर्जी दाखिल कर दी
यहां आकर युवती ने पति से अलग होने का फैसला लिया। युवती ने तलाक के लिए कड़कड़डूमा कोर्ट में अर्जी दाखिल कर दी। संबंधित कोर्ट ने यह केस मध्यस्थता सेंटर में भेज दिया। सेंटर में बतौर मीडिएटर तैनात एडवोकेट केके मखीजा ने सबसे पहले लड़के और लड़की से अलग अलग बातें की।
5-6 सुनवाई में ही निपट गया मामला
दोनों में से किसी ने एक दूसरे पर कोई आरोप नहीं लगाया। एक बार पति-पत्नी जब अपने केस की सुनवाई के सिलसिले में मध्यस्थता सेंटर आए थे तो उन्होंने वैष्णो देवी के दर्शन करने की इच्छा जताई। मीडिएटर ने दोनों को वैष्णो देवी दर्शन करने की इजाजत दे दी। वैष्णो देवी से वापस लौटने के बाद अपनी तलाक की अर्जी वापस लेते हुए एक साथ रहने की इच्छा जताई। मीडिएटर मखीजा ने बताया कि 5-6 सुनवाई में यह मामला निपट गया।