कुओं के आकार सामान्यत: एकहरा वृत्ताकार यानी गोल, दोहरा अष्टभुजीय, दोहरा D- आकार, द्विवृत्ताकार, आयताकार या एक से अधिक गोलाकार, एक दूसरे के सन्निकट होते हैंं, लेकिन ज्यादातर कुएं गोल यानी वृत्ताकार होते हैं। इसके कुछ महत्वपूर्ण कारण हैं। आइए जानते हैं।
सरल शब्दों में समझिए कुआं गोल क्यों होता है
जब हम किसी भी तरल पदार्थ को स्टोर करते हैं तो उसके भीतर का प्रेशर उस वस्तु की दीवारों पर दबाव बनाता है जिसमें उसे स्टोर किया जा रहा है। यदि हम हुए को चौकोर बनाएंगे तो उसके भीतर जमा जल भंडार का प्रेशर दीवारों के बजाय उसके चारों कोनों पर पहुंच जाएगा। ऐसी स्थिति में कुए की उम्र कम हो जाएगी। उसके टूटकर गिरने की संभावना ज्यादा हो जाएगी। जबकि यदि उसे गोल बनाया गया तो उसमें दीवारें नहीं होंगी और जल भंडार का प्रेशर पूरे कुए पर समान रूप से वितरित हो जाएगा। इसके कारण कुए की उम्र ज्यादा होगी।
कुएं कितने प्रकार के होते हैं
एकहरा वृत्ताकार कुआँ काफ़ी मज़बूत होता है। इसे बनाने में सुगमता और धँसाने में अत्यधिक सरलता होती है। धँसाने में जो रुकावट हो उसको सरलता से दूर किया जा सकता है और झुकाव पर नियंत्रण रखा जा सकता है। यदि कंक्रीट का बना हो तो यह सस्ता भी होता है।
दोहरा अष्टभुजीय आकार गहरे कुओं अथवा मेहराबदार स्तंभ के लिये उपयुक्त होता है। यदि मिट्टी कड़ी हो तो ऐसे स्थान में ऐसे ही कुएँ खोदे जा सकते हैं।
दोहरे D-आकार के कुएँ बालू या बुलई मिट्टी के लिए दोहरे अष्टभुजीय कुओं के अच्छे होते हैं।
छिछले कुओं के लिए आयताकार अच्छा रहता है।
यदि पाए की लंबाई ऐसी हो कि स्थान पर दोहरा वृत्ताकार कुआँ न बैठे तो एक से अधिक वृत्ताकार कुएँ अलग-अलग बनाए जाते हैं। दो वृत्ताकार कुओं की परिधियों के बीच कम से कम चार फुट की दूरी रहनी चाहिए।