जबलपुर। आदिवासी विकास विभाग में अंशकालीन कर्मचारियों की नियुक्ति व उनको होने वाले भुगतान का मामला जिले से आगे बढ़ गया है। तीन दिन पहले कलेक्टर भरत यादव ने दो लिपिकों को निलंबित करने के निर्देश दिए थे। वहीं जांच करने वाले अधिकारी एसएस सिंह और जांच रिपोर्ट प्रस्तुतकर्ता अधिकारी बीएल पटेल पर कार्रवाई का प्रस्ताव कमिश्नर कार्यालय व प्रमुख सचिव स्तर पर भेजने कहा गया है। हालांकि प्रस्तुतकर्ता अधिकारी श्री पटेल रिटायर हो चुके हैं। इनमें एसएस सिंह पर कार्रवाई कमिश्नर राजेश बहुगुणा द्वारा तय की जाना है। इन दोनों अधिकारियों ने जांच होने के बाद भी प्रक्रिया को समय रहते पूरा नहीं किया था। रिपोर्ट के बाद के काम अब जाकर पूरे हुए हैं।
यह है मामला
2016 में यह प्रकरण सामने आया। जिसमें अंशकालीन कर्मचारियों की भर्ती को लेकर जांच पूरी हो चुकी थी। जांच में यह बात सामने आई कि कुछ कर्मचारियों की भर्ती भी गलत ढंग से हुई और उन्हें ज्यादा भुगतान किया गया। यह भुगतान 70 से 80 लाख रुपए का होने की जानकारी दी गई। जिन कर्मचारियों को शोकॉज नोटिस जारी हुए थे,उन्होंने समय पर संतोषजनक जवाब भी नहीं दिया। यही प्रकरण बाद में सीएम हेल्पलाइन में दोबारा दर्ज हुआ। पूर्व सहायक आयुक्तों के द्वारा ही इस मामले में लापरवाही बरती गई थी। विभागीय जांच में दोषी लिपिक गुलाब गुप्ता और कांति सोनी को कलेक्टर निलंबित करने के निर्देश दे चुके हैं। इसके अलावा पांच अधिकारी कर्मचारियों को शोकॉज नोटिस मिला है।
पूजा द्विवेदी, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास का बयान
जांचकर्ता व प्रस्तुतकर्ता अधिकारी के नाम कार्रवाई प्रस्ताव कमिश्नर कार्यालय व प्रमुख सचिव स्तर पर भेजे गए हैं। अग्रिम कार्रवाई इन्हीं कार्यालयों के स्तर पर होगी।