भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एवं मध्य प्रदेश के दिग्गज नेता कैलाश विजयवर्गीय ने हनी ट्रैप मामले में एक सनसनीखेज खुलासा किया था। विजयवर्गीय ने दावा किया था कि हनी ट्रैप मामले में मध्य प्रदेश के 4 पत्रकार भी शामिल है उनके पास इस बात के प्रमाण भी है। परंतु अब तक श्री विजयवर्गीय ने ना तो पत्रकारों के नाम का खुलासा किया है और ना ही जांच एजेंसियों को कोई प्रमाण उपलब्ध कराएं हैं। प्रश्न यह है कि क्या विजयवर्गीय ने चार पत्रकारों को ही ट्रेप कर डाला है।
कांग्रेस ने उसी समय सबूत मांगे थे
कैलाश विजयवर्गीय का बयान आते ही मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी की तरफ से मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने एक बयान जारी करके कैलाश विजयवर्गीय से अपील की थी यदि उनके पास कोई सबूत है तो सार्वजनिक करें। भाजपा के जिम्मेदार पद पर होते हुए इस तरह के सनसनीखेज बयान देकर सुर्खियां बटोरना अच्छी बात नहीं है। कैलाश विजयवर्गीय को जांच एजेंसियों का सहयोग करना चाहिए, जो एसआईटी गठित हुई है, उसमें अपने बयान दर्ज कराना चाहिए।
क्या पत्रकारों को ब्लैकमेल कर रहे हैं विजयवर्गीय
बड़ा प्रश्न यह है कि विजयवर्गीय के बयान का आधार क्या था। क्यों उन्होंने 4 पत्रकार से संबंधित बयान दिया। क्या इस तरह का बयान देकर उन्होंने वाकई कुछ पत्रकारों पर दवाब बनाया और उन्हें ब्लैकमेल कर रहे हैं या फिर यह बयान केवल एक सनसनी फैलाने के लिए था। कैलाश विजयवर्गीय को चाहिए कि वह इस मामले में स्थिति स्पष्ट करें।