भोपाल। सरपंच और सचिवों के खिलाफ राजनीतिक दुरुपयोग रोकने के लिए कमलनाथ सरकार पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम में संशोधन करेगी। इसमें धारा 40 के उस अधिकार को बदला जाएगा, जिसमें सरपंच और सचिवों को हटाने के लिए जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी व पंचायतराज आयुक्त शिकायत की सुनवाई करके फैसले करते हैं।
सरकार को बदलाव सुझाने के लिए जिला व जनपद पंचायत के अध्यक्षों के साथ सरपंच और मुख्य कार्यपालन अधिकारियों की समिति बनाई है, जो एक माह में रिपोर्ट पंचायतराज आयुक्त को देगी। सूत्रों के मुताबिक कांंग्रेस ने विधानसभा चुनाव के समय यह वादा किया था कि सत्ता में आते ही सरपंच और सचिवों को पद से हटाने के लिए धारा 40 का जो दुरुपयोग किया जाता है, उसे हटाया जाएगा।
इसको लेकर पिछले दिनों त्रिस्तरीय पंचायतराज संगठन के पदाधिकारियों ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री कमलेश्वर पटेल से मांग भी की थी। पटेल के निर्देश पर सचिव संदीप यादव ने धारा 40 के दुरुपयोग को रोकने नए प्रावधान संबंधी सुझाव देने समिति बना दी है। समिति से कहा गया है कि एक माह के भीतर मंथन कर अपनी रिपोर्ट दें, ताकि आगामी विधानसभा के सत्र में अधिनियम में संशोधन की कार्रवाई की जा सके।
इन्हें बनाया समिति में सदस्य
जिला पंचायत अध्यक्ष
भोपाल- मनमोहन नागर
नरसिंहपुर- संदीप पटेल
जनपद पंचायत अध्यक्ष
सिंहावल- श्रीमान सिंह
बागली- निर्मला कंचन कठानी
देवरी- आंचल आठया
भैंसदेही- संजय भावस्कर
सरपंच
सडूमर- मोना कौरव
खुठेली- विजय उपाध्याय
बागसी- नारायण सिंह
उन्नाव- लक्ष्मण यादव
दलौदा चौपाटी- विपिन जैन
कनरपुरा- पदमसिंह डुडवे
जामझीरी- अशोक उईके
कन्हार- वृंदावन पाराशर
दादर- संतोष तिवारी
जोगीढ़ाना- श्रवण कुमार काछी
मुख्य कार्यपालन अधिकारी
मंदसौर और बैतूल जिला पंचायत