भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ भ्रष्टाचार के एक मामले में आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्लू) को जांच के आदेश जारी हुए हैं। आरोप है कि उन्होंने पौधरोपण अभियान के दौरान 450 करोड़ का घोटाला किया है। वनमंत्री उमंग सिंघार ने बयान दिया है कि अपने आप को नर्मदा पुत्र कहलाने वाले शिवराज सिंह चौहान जी ने जिस तरह 450 करोड़ का आर्थिक घोटाला किया है उन्होंने माँ नर्मदा का सीना छलनी किया है। में वादा करता हूँ कि इस घोटाले में जो भी दोषी पाए जाएंगे उन पर कार्यवाही करने से बक्शा नही जाएगा।
शिवराज सिंह के खिलाफ 2017 में किए गए पौधरोपण अभियान में धांधली का आरोप है। शिवराज सिंह के साथ ही 6 से ज्यादा अधिकारियों की भी भूमिका की जांच की जाएगी। इस मामले में वनमंत्री ने आरोप लगाया कि नर्मदा नदी के किनारे 6 करोड़ से ज्यादा पेड़ लगाकर विश्व रिकॉर्ड बनाने के लिए 20 रुपए मूल्य के पौधों को 200 रुपए से ज्यादा कीमत पर खरीदा गया।
2 जुलाई 2017 को लगाए गए थे पौधे
वन मंत्री उमंग सिंघार ने ट्वीट करके लिखा, "2 जुलाई 2017 को नर्मदा किनारे 6 करोड़ पौधे लगाने में घोर अनियमितताएं तत्कालीन सरकार और अधिकारियों द्वारा की गई थी। उसकी जांच माननीय मुख्यमंत्री के निर्देश पर ईओडब्लयू से कराई जाएगी।
बैतूल में जांच की तो पाया कागजी पौधरोपण
मंत्री ने कहा, 'मैने खुद बैतूल में जांच की। जहां 15000 गड्ढे होने थे वहां सिर्फ 9000 के आसपास ही गड्ढे मिले। इस तरह का कागजी पौधरोपण आनन फानन में शिवराज सरकार ने हर जगह 2 जुलाई 2017 को किया। जबकि व्यवहारिक रूप से एक दिन के अंदर पौधा लगाना संभव नही है।'