नई दिल्ली। जबलपुर के रहने वाले दिलशाद ने एक-दो नहीं 5 लड़कियों से निकाह किया। सभी से एक-एक, दो-दो बच्चे भी हुए लेकिन जैसे-जैसे 5 बीवियों वाला परिवार बढ़ने लगा तो दिलशाद की कमाई कम पढ़ने लगी। उधर 5 बीवियों के महंगे शौक के चलते उसके परिवार की गाड़ी पटरी से उतरती चली गई। एक वक्त ऐसा आया कि दिलशाद परिवार चलाने के लिए ठगी करने लगा। एसटीएफ (STF) द्वारा पकड़े जाने से पहले दिलशाद 50 युवतियों को ठग चुका है।
पैसा कमाने गैंग बनाई, एम्स में SUPERINTENDENT के पति को शामिल कर लिया
दिलशाद ने एसटीएफ को बताया कि उसकी 5 बीवियों में चौथी बीवी जबलपुर में एक निजी अस्पताल चलाती है। बाकी की चार घर पर ही रहती हैं। बीवी और बच्चों के महंगे शौक पूरे करने के चक्कर में वह गलत काम करने लगा। फिर उसे एक आइडिया सूझा और उसने एक गैंग बनाई। गैंग की मदद से वह पढ़ी-लिखी युवतियों को नर्स बनाने का झांसा देने लगा। भोपाल के एम्स में नर्स के पद पर नौकरी दिलाने की बात कहकर वो युवतियों को फंसाता था। गैंग के एक सदस्य की पत्नी एम्स में सुपरिटेंडेंट के पद पर है। इसी का उसने फायदा उठाया।
50 से अधिक लड़कियों को ठगा
अभी तक एसटीएफ ने दिलशाद खान निवासी जबलपुर और आलोक कुमार बामने निवासी भोपाल को गिरफ्तार किया है। बाकी के आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। भोपाल एसटीएफ पुलिस अधीक्षक राजेश सिंह भदौरिया ने बताया कि विशेष रणनीति बनाकर गिरोह को पकड़ने में सफलता मिली। गिरोह नर्स के पद पर भर्ती कराने के नाम पर अब तक 50 से अधिक लड़कियों से लाखों रुपये की ठगी कर चुका है। उन्होंने बताया कि एसटीएफ को लगातार शिकायत मिल रही थी कि एम्स में नर्स के पद पर भर्ती कराने का झांसा देकर युवतियों के साथ धोखाधड़ी की जा रही है। एसटीएफ के पास कई युवतियों ने ठगी की लिखित में शिकायत भी की थी।