मात्र 5 रुपए में धनतेरस के 8 चमत्कारी उपाय: धन-धान्य के भंडार भरे रहेंगे | DHANTERAS KE CHAMATKARI TOTKE

Bhopal Samachar
माता लक्ष्मी, भगवान गणेश, धन के देवता कुबेर, और आरोग्य के देवता भगवान धन्वंतरी को प्रसन्न करने का दिन आ गया है। इस दिन सभी लोग श्रद्धा पूर्वक पूजा-पाठ करते हैं। हम आपको कुछ ऐसे चमत्कारी उपाय बताने जा रहे हैं जिनको करने से ना केवल सुख समृद्धि की प्राप्ति होगी बल्कि आरोग्य भी बना रहेगा। साल भर आपके धन-धान्य के भंडार भरे रहेंगे।

उल्लू की तस्वीर चिपका दें

उल्लू तस्वीर को धनतेरस के दिन तिजोरी या अलमारी में जहां धन रखते हैं वहां चिपका दें। ऐसी मान्यता है कि देवी लक्ष्मी का वाहन उल्लू नकारात्मक उर्जा का नाश करता है। उल्लू की तस्वीर धन स्थान में होने से धन का आगमन बढ़ता है और घर में बरकत आती है।

पूजा में तांबूल का इस्तेमाल करें

धनतेरस पर पूजा की सामग्री के लिए तांबूल यानी पान का इस्तेमाल करना चाहिए, ऐसा शास्त्रों में बताया गया है। पान के पत्ते में देवीदेवताओं का वास माना जाता है। इसलिए धनतेरस और दीपावली की पूजा में इसका इस्तेमाल शुभ माना गया है। क्योंकि पान के पत्तों से ही किसी भी पूजन का संकल्प किया जाता है।

शाम को दीपदान करें

दीपावली का आरंभ धनतेरस के दिन से माना जाता है और इसी दिन से दीपदान किया जाता है। इस दिन 5 रुपए के दीप खरीद कर लाएं और घर से बाहर दीप मालिका जलाएं। इससे यमदेव प्रसन्न होते हैं, जिससे अकाल मृत्यु का भय दूर होता है।

सुपारी का उपयोग

धनतेरस की पूजा में सुपारी का भी इस्तेमाल किया जाता है। शास्त्रों के अनुसार, सुपारी को ब्रह्मदेव, वरूण देव, यमदेव और इंद्रदेव का प्रतीक माना जाता हैपूजा के बाद सुपारी को तिजोरी या अलमारी में रखना शुभ माना गया है। इससे आपके जीवन में कभी समृद्धि और धन-धान्य की कमी नहीं होती है।

साबुत धनिया का प्रयोग

आर्थिक समस्या दूर करने के लिए धनतेरस के दिन पांच रूपए का साबुत धनिया खरीद कर लाएं। साबुत धनिया को महालक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि के चरणों में अर्पित कर दें। इसके बाद भगवान के सामने अपनी मांग रखें और फिर धनिए को अपने बगीचे में बो दें और कुछ को तिजोरी में लाल कपड़े में बांधकर रख दें।

बताशे का भोग लगाएं

सनातन धर्म में होने वाले सभी शुभ कार्यों में बताशा का प्रयोग किया जाता है। शास्त्रों के अनुसार, बताश माता लक्ष्मी का सबसे प्रिय भोग है। मां की हर पूजा में बताशे का प्रयोग किया जाता है। धनतेरस और दिवाली की पूजा में सच्चे मन से महालक्ष्मी को बताशे का भोग लगाएं। बताशे का संबंध भी चंद्रमा से है, इसलिए धनतेरस पर बताशा माता लक्ष्मी को अर्पित किया जाता है।

कपूर का प्रयोग

धनतेरस के दिन कपूर से माता लक्ष्मी और भगवान कुबेर के साथ भगवान धनवंतरी की पूजा की जाती है। शास्त्रों के अनुसार, कूपर से मन शांत होता है पूजा स्थल पवित्र हो जाता है। कपूर जलाने से घर की नकारात्मक ऊर्जा बाहर चली जाती है और सकारात्मक ऊर्जा घर में आती है। जिससे माता लक्ष्मी घर में प्रवेश करती हैं। साथ ही स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है।

पूजा में खील का महत्व 

लक्ष्मी पूजन के लिए खील का प्रयोग करना चाहिए, इसलिए धनतेरस के दिन पांच रूपए के खील खरीद लें। इसके बाद दीपावली के दिन खील से माता लक्ष्मी की पूजा करें और इसे अगले दिन मछलियों को खिला दें या पोटली बनाकर भंडार घर (स्टोर रूम) में रख दें। इससे सुख-शांति व समृद्धि बनी रहेगी।

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