भोपाल। ज्यादातर लोग समस्याओं को अपनी किस्मत मान लेते हैं लेकिन कुछ लोग ऐसे होते हैं जो प्रबंधन को सबक सिखाने की ठान लेते हैं। भोपाल के अरुण कुमार राय ऐसे ही व्यक्ति हैं जिन्होंने रेलवे को उसकी गलती का खामियाजा भुगतने के लिए मजबूर कर दिया। वह जिस ट्रेन में सफर कर रहे थे उसका टॉयलेट गंदा था। उन्होंने कई बार शिकायत की लेकिन सफाई नहीं हुई। अंतत: उन्होंने उपभोक्ता फोरम में रेलवे के खिलाफ केस ठोक दिया। उपभोक्ता फोरम ने रेलवे को सेवा में कमी का दोषी पाया और ₹5000 हर्जाना लगाया।
यात्री अरुण कुमार राय निवासी नेहरू नगर, भोपाल छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस में दो जनवरी को भोपाल से भिलाई की यात्रा कर रहे थे। जिस कोच में वे थे उसका टॉयलेट गंदा था। वॉश बेसिन में भी गंदगी थी। यात्री ने इटारसी रेलवे स्टेशन पर ट्रेन के ड्राइवर अमित कुमार सिंह को बताया, लेकिन उन्होंने इसे टालते हुए संबंधित विभाग के अधिकारी से शिकायत करने को कहा। यात्री ने उस समय सहायक स्टेशन प्रबंधक एसके गुप्ता को शिकायत की। फिर भी टॉयलेट साफ नहीं कराया गया। ट्रेन जब नागपुर पहुंची तो यात्री ने ट्रेन के टीटीई से भी शिकायत की। फिर भी यात्री की समस्या को दरकिनार कर दिया गया। यात्री की जब कहीं भी शिकायत नहीं सुनी गई तो उन्होंने इस मामले पर जिला उपभोक्ता फोरम में जबलपुर जोन के जीएम के खिलाफ परिवाद दायर कर दिया।
उपभोक्ता फोरम ने माना सेवा में कमी
ट्रेन के टॉयलेट गंदे होने को उपभोक्ता फोरम ने रेलवे को जिम्मेदार ठहराया है। उपभोक्ता फोरम की बेंच ने टिप्पणी करते हुए कहा है कि ट्रेन में टॉयलेट गंदे हैं तो उसको साफ रखने की जिम्मेदारी रेलवे की है। अगर इससे किसी यात्री को परेशानी होती है तो यह सेवाओं में कमी है, जिसके बाद उपभोक्ता फोरम ने रेलवे पर 5000 का जुर्माना लगाया है साथ ही रेलवे को यह राशि दो माह की अवधि में रेल यात्री को देने का आदेश दिया है।