हरदा। सड़क हादसे में घायल दूसरी महिला पटवारी मोनिका पटेल की भी इलाज के दौरान मौत हो गई, जबकि निकिता अग्रवाल ने 22 अक्टूबर को ही भोपाल रेफर के दौरान रास्ते में ही दम तोड़ दिया था। जानकारी के अनुसार 22 अक्टूबर को ड्यूटी खत्म कर एक स्कूटी से महिला पटवारी निकिता अग्रवाल और मोनिका पटेल हरदा वापस लौट रही थीं। इसी दौरान टिमरनी - चारखेड़ा के बीच कार ने स्कूटी को सामने से टक्कर मार दी थी। इसमें दोनों महिला पटवारियों को गंभीर चोट आई थी।
घटना के बाद डायल 100 से उन्हें जिला अस्पताल लाया गया था। यहां प्राथमिक उपचार के बाद निकिता अग्रवाल को भोपाल रेफर कर दिया लेकिन रास्ते में ही निकिता ने दम तोड़ दिया था। वहीं उपचार के दौरान मोनिका पटेल ने रविवार को भोपाल के अस्पताल में दम तोड़ दिया। नर्मदा अस्पताल भोपाल में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रही मोनिका पटेल मौत के सामने हार गई।
जानकारी के अनुसार सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल मोनिका छह दिनों तक नर्मदा अस्पताल भोपाल में भर्ती रही। रविवार शाम को डॉक्टरों की टीम ने जांच के उपरांत मोनिका का ब्रेन डेड घोषित कर दिया। सोमवार सुबह जैसे ही मोनिका को वेंटीलेटर से हटाया गया उसकी मौत हो गई। मालूम हो कि टिमरनी तहसील में पदस्थ दोनों पटवारी मोनिका पटेल और निकिता अग्रवाल 22 अक्टूबर को अतिवृष्टि की क्षति पत्रक जमा कराकर टिमरनी से हरदा आ रही थीं तभी सामने से आ रही तेज रफ्तार कार ने टक्कर मार दी। इसमें दोनों महिला पटवारी गंभीर रूप से घायल हो गई थीं।
मोनिका पटेल को 23 अक्टूबर को भोपाल के नर्मदा अस्पताल में भर्ती कराया था। यहां डॉक्टरों ने पां घंटे तक उसका जटिल ऑपरेशन किया था। घटना में मोनिका के दोनों पैर फ्रैक्चर हो गए थे, वहीं कुल्हें के जोड़ भी टूट गए थे। बड़ी आंत में भी नुकसान हुआ था। इसके अलावा किडनियों ने भी काम करना बंद कर दिया था। ऑपरेशन के बाद से ही मोनिका को वेंटीलेटर पर रखकर डायलिसीस किया जा रहा था लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। सोमवार को डॉक्टरों ने मोनिका को मृत घोषित कर दिया।