अगले 6 माह में मालामाल होना है तो ये उपाय कीजिए | NAVRATRI KANYA PUJAN VIDHI

Bhopal Samachar
भोपाल। नवरात्रि पर्व (Navratri festival) के दौरान मां की आराधना में कन्या पूजन (Kanya Puja) का विशेष महत्व है। कम उम्र की नन्ही बालिकाओं का मां का स्वरूप माना जाता है इसलिए इस दौरान कन्याओं का पूजन कर उनको साक्षात देवी के समान सम्मान दिया जाता है। साधक नवरात्रि के दौरान कन्याओं का पूजन नौ दिनों में अपनी श्रद्धा और सुविधा के अनुसार करते हैं, लेकिन अष्टमी और नवमी तिथि को कन्या पूजन का विशेष महत्व है। इन दो दिनों में साधक अपनी नौ दिनों की साधना के पूर्ण होने पर हवन कर पूर्णाहूति देता है और कन्याओं को भोजन करवाकर अपने घर-परिवार को लिए उत्तम स्वास्थ्य, सुख-समृद्धि और उन्नति की कामना करता है।

कन्या पूजन से मिलता है ऐसा वरदान

कन्या पूजन में नन्ही कन्याओं के पूजन का विधान है। मान्यता है कि नवरात्रि के दौरान व्रत करने, देवी की आराधना, दर्शन और हवन करने के साथ कन्या पूजन करने से नवरात्रि में देवी आराधना का पूरा फल प्राप्त होता है। कन्या पूजन में 2 साल से लेकर 11 साल तक की कन्याओं के पूजन का विधान है। कन्या पूजन में दो वर्ष की कन्या को कुमारी कहा जाता है इनकी पूजा से माता साधक के दुख और दरिद्रता दूर करती है। तीन वर्ष की कन्या को त्रिमूर्ति कहा जाता है। इनकी पूजा से धन-धान्य की वृद्धि होती है।

चार वर्ष की कन्या को कल्याणी कहा जाता है। इनकी पूजा से परिवार का कल्याण होता है। पांच वर्ष की कन्या को रोहिणी कहा जाता है। इनकी पूजा से व्यक्ति रोगमुक्त हो जाता है। छह वर्ष की कन्या को कालिका रूप कहा जाता है। इनकी पूजा से विद्या और विजय की प्राप्ति होती है सात वर्ष की कन्या को चंडिका रूप कहा जाता है। इनकी पूजा से ऐश्वर्य मिलता है। आठ वर्ष की कन्या को शाम्भवी कहा जाता है। इनकी पूजा से वाद-विवाद में जीत मिलती है। नौ वर्ष की कन्या को दुर्गा कहा जाता है। इनकी पूजा करने से शत्रुओं का नाश होता है और दस वर्ष की कन्या को सुभद्रा कहा जाता है। इनकी पूजा से समस्त मनोरथ पूर्ण होते हैं।

कन्या पूजन से होता है शत्रु नाश

शास्त्रोक्त मान्यता है कि सभी शुभ कार्यों का संपूर्ण फल प्राप्त करने के लिए कन्या पूजन किया जाता है। कन्या पूजन से यश, कीर्ति, वैभव, धन और विद्या की प्राप्ति होती है साथ ही भय और शत्रुओं का नाश होता है। मान्यता है कि जप, तप और दान से देवी इतनी प्रसन्न नहीं होती है जितनी कन्या पूजन से होती है। शास्त्रों में कहा गया है कि एक कन्या की पूजा से यश और ऐश्वर्य, दो की पूजा से भोग और मोक्ष, तीन की पूजा से धर्म, अर्थ और काम, चार की पूजा से राजपद, पांच की पूजा से विद्या और उत्तम शिक्षा, छह की पूजा से छह प्रकार की सिद्धि, सात की पूजा से साम्राज्य, आठ की पूजा से धन- संपदा और नौ की पूजा से संपूर्ण पृथ्वी के प्रभुत्व की प्राप्ति होती है। इसलिए नौ कन्याओं के पूजन का नवरात्रि में विशेष महत्व है।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!