जबलपुर। सरकारी नौकरी में 2005 से प्रारंभ हुई न्यू पेंशन स्कीम (New Pension Scheme) के खिलाफ राज्य अध्यापक संघ (State Teachers union) ने हल्ला बोल दिया है। संघ के नरेन्द्र त्रिपाठी का आरोप है कि पेंशन स्कीम (Pension Scheme) में भेदभाव है। पुरानी योजना में जहां ज्यादा पेंशन है वहीं नई योजना में पेंशन नाम मात्र की दी जा रही है। इससे परिवार को पालना मुश्किल होगा।
न्यू पेंशन स्कीम को भारत से खदेड़ने के लिए आंदोलन होगा। संघ की तरफ से सिविक सेंटर में ज्ञापन दिया जाएगा। राज्य अध्यापक संघ ने कहा कि इस पेंशन योजना के अंतर को समझने के लिए हाल में सेवानिवृत्त कर्मचारी को नजीर के तौर पर लिया गया है। इसमें मझौली के द्वारका प्रसाद परौहा सेना से 4.12. 1976 को सेवानिवृत्त हुए। 17 वर्ष की सेवा के बाद वो सेवानिवृत्त हुए। उस वक्त पेंशन उन्हें पुरानी योजना में 23800 रुपए बनी। उसके बाद द्वारका प्रसाद 1998 में शिक्षा विभाग (education Department) में पुनः सेवा में आए। जहां 21 साल की सेवा देने के बाद अप्रैल 2019 को सेवानिवृत्त हुए। इतने साल नौकरी करने के बाद न्यू पेंशन स्कीम में उनकी पेंशन 1119 रुपए मात्र बनी।
न्यू पेंशन स्कीम को भारत से खदेड़ने के लिए आंदोलन होगा। संघ की तरफ से सिविक सेंटर में ज्ञापन दिया जाएगा। राज्य अध्यापक संघ ने कहा कि इस पेंशन योजना के अंतर को समझने के लिए हाल में सेवानिवृत्त कर्मचारी को नजीर के तौर पर लिया गया है। इसमें मझौली के द्वारका प्रसाद परौहा सेना से 4.12. 1976 को सेवानिवृत्त हुए। 17 वर्ष की सेवा के बाद वो सेवानिवृत्त हुए। उस वक्त पेंशन उन्हें पुरानी योजना में 23800 रुपए बनी। उसके बाद द्वारका प्रसाद 1998 में शिक्षा विभाग (education Department) में पुनः सेवा में आए। जहां 21 साल की सेवा देने के बाद अप्रैल 2019 को सेवानिवृत्त हुए। इतने साल नौकरी करने के बाद न्यू पेंशन स्कीम में उनकी पेंशन 1119 रुपए मात्र बनी।
इस योजना के खिलाफ राज्य अध्यापक संघ ने आज 2 अक्टूबर को सिविक सेंटर में धरना देने का निर्णय लिया है। संघ के संतोष झारिया, मनीष पांडे, रामभुवन पटैल, अनिल गुप्ता, अजय खरे आदि ने कर्मचारियों से शामिल होने की अपील की है।