शहडोल। बालाघाट जिले से 650 किलोमीटर दूर से शहडोल जिले में संविदा शिक्षक की नौकरी करने आई महिला शिक्षिका योगिता भंडारकर को पिछले 6 माह से वेतन नहीं मिला है जबकि इनके द्वारा लगातार प्रशासन से अनुरोध किया जाता रहा और वेतन भुगतान की गुहार लगाई जाती रही।
श्रीमती योगिता भंडारकर द्वारा सबसे पहले जून 2019 में सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग शहडोल को वेतन व एरियर भुगतान कराए जाने का आवेदन दिया गया। तब दो माह का वेतन प्राप्त नहीं हुआ था। लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। इसके बाद सितंबर 2019 में कलेक्टर शहडोल को आवेदन दिया गया तब 5 माह का वेतन भुगतान शेष रहा लेकिन कलेक्टर शहडोल को प्रार्थना पत्र दिए जाने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई। कहीं सुनवाई नहीं होने पर शिक्षिका द्वारा कमिश्नर संभाग शहडोल को जनसुनवाई में योगिता भंडारकर द्वारा पिछले 6 माह से वेतन व 19 माह का एरियर भुगतान कराए का अनुरोध किया गया है किंतु अभी तक वेतन भगतान नहीं किया गया है।
वेतन लंबित होने का यह है कारण:
मध्यप्रदेश शासन ने अध्यापक संवर्ग का नवीन शिक्षक संवर्ग में संविलियन करने का निर्णय लिया. इसी प्रक्रिया के तहत आदिवासी विकास विभाग ने यह तय किया कि नवीन शिक्षक संवर्ग में शामिल हुए अध्यापकों का वेतन tresury एम्प्लोयी कोड के आधार पर ही होगा। चूंकि तकनीकी त्रुटि के कारण योगिता भंडारकर का नवीन शिक्षक संवर्ग में संविलियन नहीं हुआ, और इस कारण उसका tresury एम्प्लोयी कोड भी आबंटित नहीं हुआ। विकासखंड शिक्षा अधिकारी द्वारा योगिता भंडारकर को छोडकर बाकी का वेतन आहरित कर दिया गया। इस प्रकार योगिता भंडारकर शेष अध्यापकों से अलग हो गयी।
मैन्युअल बिल के लिए जब शासन से आबंटन आया तब विकासखंड शिक्षा अधिकारी ने ध्यान नहीं दिया। जब विभाग का ध्यान इस ओर गया कि बहुत से अध्यापकों का शिक्षक संवर्ग में संविलियन शेष है और उनका भुगतान नये सिस्टम से होना संभव नहीं है तो शासन स्तर से ऐसे छूटे हुए अध्यापक संवर्ग के लिए पुराने सिस्टम से वेतन आहरित करने हेतु अलग से आबंटन उपलब्ध कराया गया किन्तु संकुल प्राचार्य व विकासखंड शिक्षा अधिकारी की उदासीनता और लापरवाही के चलते समय पर वेतन देयक आहरण हेतु कोषालय में प्रस्तुत नहीं किया गया। जिसके कारण प्रार्थिया का 6 माह का वेतन और 19 माह का एरियर लंबित है। पूछे जाने पर बजट का अभाव बता दिया जाता है। जबकि बजट रहने पर इनके द्वारा जानबूझकर कोषालय में बिल नहीं लगाया गया।
जब प्रक्रिया शासन की तो प्रार्थिया प्रताड़ित क्यों हो?
नवीन शिक्षक संवर्ग में संविलियन की प्रक्रिया सरकार द्वारा निर्धारित की गयी है, इसमें शिक्षकों को 6-6 माह से वेतन न देकर प्रताड़ित किया जाना कहाँ तक उचित है? ध्यान देने की बात यह भी है कि विभिन्न स्तरों पर आवेदन देने के बाद भी कार्यवाही न होने के कारण संकुल प्राचार्य कार्यालय और विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय को उनकी लापरवाही के कारण उन्हें कोई अफ़सोस नहीं है तथा आगे भी कब तक वेतन उनके खाते में आ पायेगा, पता नहीं है. ऐसा लगता है कि प्रार्थिया को इसलिए तंग किया जा रहा है ताकि वह स्वतः ही रिश्वत की पेशकश करे। जबकि वह स्वयं भूखों मरने की स्थिति में है।
अध्यक्ष, आजाद अध्यापक शिक्षक संघ जिला शहडोल अनिल पटेल, ने भोपाल समाचार के माध्यम से सहायक आयुक्त महोदय, कलेक्टर महोदय, कमिश्नर महोदय एवं माननीय मुख्यमंत्री महोदय मध्यप्रदेश शासन से अनुरोध करता है कि शिक्षिका की स्थिति अत्यंत दयनीय है। लगातार 6 माह से वेतन प्राप्त नहीं होने के कारण आर्थिक एवं मानसिक रूप से परेशान है। यदि प्रार्थिया को जल्द वेतन भुगतान नहीं कराया जाता तो उसका जीवन निर्वाह मुश्किल में पड़ जायेगा। प्रार्थिया ने अध्यक्ष आजाद अध्यापक संघ को प्रतिलिपि देकर शीघ्र समाधान का अनुरोध किया है, अतः प्रार्थिया की समस्या का 6 माह से लंबित वेतन व एरियर का भुगतान शीघ्र कराए जाने की मांग करता है अन्यथा शीघ्र समाधान न हुआ तो संघ प्रार्थिया के हक में उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होगा।