इंदौर। BHARTI AXA LIFE INSURANCE COMPANY को उपभोक्ता फोरम ने एक मामले में झूठ बोलकर पॉलिसी बेचने का दोषी पाया है। कंजूमर फोरम ने आदेश दिया है कि भारती एक्सा लाइफ इंश्योरेंस कंपनी ग्राहक को उसकी प्रीमियम की राशि ब्याज सहित वापस लौटा दे।
सिंगल प्रीमियम बताकर वार्षिक प्रीमियम पॉलिसी बेच दी
मामला स्कीम नंबर 71 निवासी भेरूलाल पिता किशनलाल हरोरे का है। भारती एक्सा लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के एजेंट ने उनसे संपर्क किया और कंपनी की पॉलिसियों की विशेषताएं बताईं। बताया कि सिंगल प्रीमियम पॉलिसी लेकर वे एकमुश्त रकम प्राप्त कर सकते हैं। हरोरे ने परिवार के सदस्यों के लिए चार पॉलिसियां ले लीं। प्रत्येक की प्रीमियम 49,998 रुपए थी। चारों पॉलिसियों के लिए 1 लाख 99 हजार 992 रुपए प्रीमियम अदा की गई। बाद में ग्राहक ने पॉलिसियों के दस्तावेज जांचे तो पता चला कि उन्हें हर साल करीब दो लाख रुपए प्रीमियम के रूप में जमा करने होंगे। इस पर ग्राहक ने कंपनी के अधिकारियों से पॉलिसियां निरस्त करके प्रीमियम की राशि वापस मांगी। अधिकारियों ने उन्हें आश्वासन दिया कि पॉलिसियां निरस्त कर प्रीमियम की रकम लौटा दी जाएगी, लेकिन कुछ नहीं किया।
फोरम ने भारतीय एक्सा लाइफ इंश्योरेंस कंपनी को सेवा में कमी का दोषी पाया
परेशान होकर उपभोक्ता ने एडवोकेट गणेश गुर्जर और सुनील ठाकुर के माध्यम से बीमा कंपनी के खिलाफ जिला उपभोक्ता फोरम में परिवाद दायर किया। फोरम के अध्यक्ष सत्येंद्र जोशी और सदस्य कुंदनसिंह चौहान ने उपभोक्ता के पक्ष में फैसला देते हुए माना कि बीमा कंपनी ने सेवा में कमी की है। फोरम ने आदेश दिया कि बीमा कंपनी ग्राहक को प्रीमियम की राशि लौटाए। कंपनी को 28 जुलाई 2014 से अदायगी दिनांक तक आठ प्रतिशत की दर से ब्याज भी देना होगा। फोरम ने कंपनी को पांच हजार रुपए ग्राहक को हुई मानसिक परेशानी और एक हजार रुपए परिवाद व्यय के रूप में भी अदा करने के आदेश दिए।