भोपाल। कमलनाथ सरकार ने मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल को 2 नगर निगम में विभाजित करने का पूरा मन बना लिया है। इसके बाद इंदौर और जबलपुर की बारी है। कांग्रेस नेता एवं राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने नगरीय प्रशासन मंत्री जयवर्धन सिंह से मुलाकात की और इंदौर व जबलपुर को 2 नगर निगम कें बांटने का अनुरोध किया। हमारे सूत्रों का कहना है कि जल्द ही यह मांग स्वीकार कर ली जाएगी और भोपाल की तरह इंदौर और जबलपुर के लिए भी अधिसूचनाएं जारी कर दीं जाएंगी।
मंत्री जयवर्धन सिंह से मुलाकात के बाद विवेक तन्खा ने कहा यह समय की डिमांड है। जबलपुर कॉर्परेशन 1956 के क़ानून तहत स्थापित हुआ था। तब जबलपुर की जनसंख्या 2 लाख होगी। अब 15 लाख होगी। आज लगभग 70 वॉर्ड्ज़ है। अगर 2 कॉर्परेशन स्थापित होगे तो वार्ड संख्या दुगनी हो जायेगी। 2 मेयर भी मिलेंगे। कल में विधिसम्मत अभ्यवेदन मंत्री जयवर्धन सिंह को करूँगा।
मंत्री जयवर्धन सिंह से मुलाकात के बाद विवेक तन्खा ने कहा यह समय की डिमांड है। जबलपुर कॉर्परेशन 1956 के क़ानून तहत स्थापित हुआ था। तब जबलपुर की जनसंख्या 2 लाख होगी। अब 15 लाख होगी। आज लगभग 70 वॉर्ड्ज़ है। अगर 2 कॉर्परेशन स्थापित होगे तो वार्ड संख्या दुगनी हो जायेगी। 2 मेयर भी मिलेंगे। कल में विधिसम्मत अभ्यवेदन मंत्री जयवर्धन सिंह को करूँगा।
राजस्थान में बनाए जा चुके हैं 3 शहर में 6 नगर निगम
कांग्रेस सरकार ने तीन बड़े शहरों जयपुर, जोधपुर, कोटा में शहरी सरकारों के लिहाज से 70 साल का सबसे मास्टर स्ट्रोक शुक्रवार को खेला। यह मास्टर स्ट्रोक पाॅलिटिकल माइलेज के लिए खेला गया। यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने बेबाकी से कहा जयपुर, जोधपुर और कोटा के निगम खंडित कर दिए हैं। अधिसूचना जारी कर दी है। अब इन शहरों में एक नहीं दो-दो नगर निगम होंगे। जानकारों का कहना है कि इन शहरों को दो-दो भागों में बांटकर कांग्रेस ने दांव खेला है कि कम से कम हर शहर में एक-एक मेयर तो कांग्रेस का बने।
जोधपुर शहर, सरदारपुरा और सूरसागर विधानसभा की आबादी को दो भागों में बांटते हुए राजनीतिक फायदे को भी ध्यान में रखा गया है। सरदारपुरा मुख्यमंत्री का निर्वाचन क्षेत्र है, जहां से वे लगातार चुनाव जीत रहे हैं। इस बार शहर विधानसभा सीट भी कांग्रेस ने जीती है। ऐसे में मोदी और अनुच्छेद 370 की लहर में नगर निगम चुनाव में कांग्रेस को जोधपुर में नई संजीवनी देने के लिए इसे बड़ा राजनीतिक दांव माना जा रहा है।
गहलोत इस बार विधानसभा चुनाव में सरदारपुरा के सभी वार्डों से जीते थे। ऐसे में कांग्रेस को उम्मीद है कि सरदारपुरा व शहर को मिलाकर वह अपना मेयर जीत सकती है। सूरसागर में उसे ज्यादा भरोसा एससी व मुस्लिम वोटों से है। ऐसे में वहां पर भी कई वार्डों में अपना वर्चस्व बना सकती है। जोधपुर शहर को दो भागों में बांटा गया है उत्तर व दक्षिण। वहीं अब शहर में 160 वार्ड होंगे। पहले 65 से 100 किए गए थे।