भोपाल। कमलनाथ सरकार ने भोपाल शहर को दो नगर निगम में विभाजित करने के लिए जो ड्राफ्ट तैयार किया है, वह भोपाल की जनता की भावनाओं के अनुरूप नहीं है। सरकार अपनी असफलता को छिपाने के लिए जनता का ध्यान भटकाने का प्रयास कर रही है। जिस आधार पर दो नगर निगम का प्रारूप प्रकाशित किया है उसमें वार्डों को जिस तरीके से बांटा गया है उसमें सरकार द्वारा भोपाल की साम्प्रदायिक सौहार्द्र बिगाडने की कोशिश नजर आती है। जिसे शांतिप्रिय जनता कतई बर्दाश्त नहीं करेगी। सरकार के इस फैसले के विरूद्ध भारतीय जनता पार्टी जनजागरण अभियान चलायेगी। पार्टी हस्ताक्षर अभियान चलायेगी। साथ ही प्रत्येक विधानसभा में हमारे जनप्रतिनिधि, कार्यकर्ता जनता के साथ दावे आपत्ति दर्ज कराएंगे। यह बात भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता ने शुक्रवार को प्रदेश कार्यालय में पत्रकार वार्ता में कही। पत्रकार वार्ता में भोपाल महापौर श्री आलोक शर्मा, प्रदेश उपाध्यक्ष व विधायक श्री रामेश्वर शर्मा, पूर्व मंत्री व विधायक श्री विश्वास सारंग, प्रदेश मंत्री व विधायक श्रीमती कृष्णा गौर, प्रदेश मीडिया प्रभारी श्री लोकेन्द्र पाराशर, मुख्य प्रदेश प्रवक्ता डाॅ. दीपक विजयवर्गीय एवं जिला अध्यक्ष श्री विकास विरानी उपस्थित थे।
हम तो भोपाल को महानगर बनाने जा रहे थे
उन्होंने कहा कि भोपाल में दो नगर निगम बनाने का फैसला किसी भी आधार पर सही नहीं है। भौगोलिक दृष्टि और जनसंख्या के आधार पर भी सरकार का यह निर्णय गलत है। मध्यप्रदेश में भोपाल से अधिक जनसंख्या वाले शहर भी है, जहां पर एक ही नगर निगम है। सरकार सिर्फ राजनैतिक आधार पर भोपाल को दो भागों में बांटने की कोशिश कर रही है। सरकार ने बिना सोचे समझे और योजना न बनाकर राजधानी को दो भागों में विभक्त किया है। उन्होंने कहा कि सरकार के इस निर्णय में कहीं भी गंभीरता और शहर के हित का ध्यान नहीं रखा गया है। भोपाल को दो नगर निगम में बांटने की कहीं भी आवश्यकता नजर नहीं आती है। कुछ साल पहले ही कोलार और कुछ क्षेत्र को मिलाकर भोपाल को महानगर बनाने की योजना बनी।
योजनाएं प्रभावित होगी, विकास रूकेगा
श्री उमाशंकर गुप्ता ने कहा कि केन्द्र सरकार ने समग्र भोपाल को लेकर कई योजनाएं बनायी है और उन पर काम चल रहा है। प्रदेश सरकार द्वारा भोपाल को विभाजित करने पर योजनाएं प्रभावित होगी। मेट्रो योजना, शहर के सीवेज पानी को लेकर व्यापक तौर पर जो योजनाएं बनी है, उस पर भी सरकार के इस निर्णय से प्रभाव पडेगा। उन्होंने कहा कि अगर दो नगर निगम बनती है और दो अलग अलग विचारधाराओं के महापौर बनते है और एक योजना पर अगर सहमति नहीं बनती है तो शहर का विकास अवरूद्ध होगा।
मुख्यमंत्री पुर्नविचार कर ड्राफ्ट वापस लें
उन्होंने कहा कि भोपाल की जनता और प्रबुद्धजन भोपाल को बंटने नहीं देना चाहती है। गुरूवार को प्रबुद्धजनों की बैठक में सरकार के इस निर्णय पर रोष देखने को मिला। सरकार भोपाल की आत्मा को और भोपाल को तोडने की कोशिश न करे वरना जनआंदोलित होगा और किसी भी स्तर पर अपना विरोध प्रकट करेगा। उन्होंने मुख्यमंत्री कमलनाथ से भोपाल नगर निगम को दो हिस्सों में बांटने के प्रस्ताव को वापस लिए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी जनता के साथ सरकार के इस निर्णय का कडा विरोध करेगी और पार्टी के जनप्रतिनिधियों के माध्यम से दावे आपत्तियां लगाकर वैधानिक दृष्टि से भी कार्यवाही करेगी।