भोपाल। फांसी लगाने के करीब बीस घंटे बाद मैनिट छात्र (Manit student) ने शुक्रवार सुबह दम तोड़ दिया। निजी अस्पताल में उसका इलाज चल रहा था। पांच लाइन के सुसाइड नोट (Suicide note) में छात्र ने लिखा कि वह मानसिक रूप से परेशान होकर यह कदम उठा रहा है। इसके लिए कोई जिम्मेदार नहीं है। इसके लिए उसने माता-पिता, दोस्तों और परिचितों से माफी भी मांगी है।
कमला नगर थाना प्रभारी विजय सिसौदिया के मुताबिक मूलतः सिंगरौली निवासी रीतेश कुमार सहाय (Ritesh Kumar Sahai) मैनिट में बीटेक फोर्थ ईयर का छात्र था। वह बी ब्लॉक में हॉस्टल नंबर-10 में रहता था। उसके साथ सिंगरौली निवासी सुजीत सहाय (Sujit Sahay) रहता है। दोनों बचपन के दोस्त हैं और 11 वीं क्लास से साथ में ही पढ़ रहे थे। दोनों को मैनिट में एक ही साथ प्रवेश मिला था। गुरुवार दोपहर करीब 12 बजे सुजीत कॉलेज से हॉस्टल में गया था। वहां सुजीत ने कई बार कमरे का दरवाजा खटखटाया लेकिन अंदर से रीतेश का कोई जबाव नहीं आया। दोस्तों ने कमरे में झांका तो रीतेश पंखे से फांसी के फंदे पर लटका था।
सुजीत ने अन्य दोस्तों की मदद से दरवाजा तोड़ा और फंदा काटकर रीतेश को माता मंदिर स्थित एक निजी अस्पताल ले गए। वहां उसकी स्थिति नाजुक थी। शुक्रवार सुबह करीब साढ़े आठ बजे डॉक्टरों ने रीतेश को मृत घोषित कर दिया। टीआई विजय सिसोदिया ने बताया कि हॉस्टल में रीतेश की टेबल से अंग्रेजी में लिखा पांच लाइन का सुसाइड नोट मिला है। इसमें रीतेश ने लिखा कि मुझे अपने जीवन से मोह नहीं है। मैं स्वयं यह कार्य करने जा रहा हूं। इसके लिए कोई जिम्मेदार नहीं है। माता-पिता, भाई-बहन, दोस्त और रूम मेट मुझे माफ कर देना।
दोस्त सुजीत ने पुलिस को बताया कि रीतेश को पथरी थी। वह पढ़ने में अच्छा था, लेकिन उसने यह कदम क्यों उठाया समझ में नहीं आ रहा। रीतेश के पिता बर्तन कारोबारी हैं। सिंगरौली में उनकी दुकान है। रीतेश से छोटा एक भाई और एक बहन है।