भोपाल। सेनेटरी व्यापारी (Sanitary trader) दंपती किराए से जिस फ्लैट में रहते थे, उसी का 18 लाख में सौदा सीमेंट व्यापारी (Cement dealer) से कर दिया। दंपती ने दस लाख वसूल भी लिए। तय रकम देने के बाद भी रजिस्ट्री नहीं हुई तो व्यापारी ने जब जानकारी जुटाई तो पता चला कि ये फ्लैट दंपती का है ही नहीं।
पुलिस ने शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की तो उन्होंने अदालत में केस दायर किया। अदालत के निर्देश पर एमपी नगर पुलिस ने धोखाधड़ी का केस दर्ज कर दंपती को गिरफ्तार कर लिया है। एमपी नगर जोन-1 निवासी 47 वर्षीय योगेश सूद (Yogesh Sood) सीमेंट का काम करते हैं। सेनेटरी का काम करने वाले दीपक और उनकी पत्नी विनीता चावला (Deepak and his wife Vinita Chawla) योगेश (Yogesh) के पूर्व परिचित हैं। दंपती आर्केड अपाटमेंट, वर्धमान ग्रीन कॉलोनी स्थित एक फ्लैट में किराए से रहते हैं। दिसंबर 2014 में दंपती ने आर्थिक परेशानी का जिक्र करते हुए उक्त फ्लैट बेचने की पेशकश योगेश से की।
15 दिसंबर 2014 को दोनों के बीच सहमति पत्र बना, जिसके तहत सौदा 18 लाख में तय हुआ। 10 लाख लेने के बाद दंपती ने बताया कि उक्त फ्लैट बैंक में बंधक है। मई 2016 तक इस पर लिया लोन चुकाने के बाद रजिस्ट्री करवा देंगे। तय समय बीतने के बाद भी जब रजिस्ट्री नहीं हुई तो योगेश ने फ्लैट की जानकारी जुटाई। पता चला कि उक्त फ्लैट का मालिक कोई और ही है।