भोपाल। भोपाल नगर निगम की बैठक में भोपाल के विभाजन का प्रस्ताव सिरे से खारिज हो जाने के बाद भी मामला भी खत्म नहीं हुआ है। नगरीय प्रशासन विभाग ने भोपाल नगर निगम के विभाजन का प्रस्ताव बनाकर मंत्री जयवर्धन सिंह को भेज दिया है। मंत्री यह प्रस्ताव मुख्यमंत्री कमलनाथ के सामने प्रस्तुत करेंगे और कमलनाथ मंजूरी के बाद राज्यपाल के पास भेजेंगे यानी अब भोपाल की तकदीर का फैसला राज्यपाल लालजी टंडन के हाथ में।
नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव ने विभागीय मंत्री जयवर्धन सिंह को निगम बंटवारे के प्रस्ताव बनाकर भेज दिए हैं, जिसे अब मंत्री जयवर्धन सिंह सीएम कमलनाथ को भेजेंगे। सीएम कमलनाथ की मंजूरी के बाद प्रस्ताव राज्यपाल को भेजे जाएंगे, जिसपर अंतिम फैसला राज्यपाल ही लेंगे।
भोपाल नगर निगम को दो हिस्सों में बांटा जा रहा है. इन दोनों नगर निगमों में कुल 85 वार्डों का बंटवारा किया जाना है। भोपाल एक में 54 वार्ड और भोपाल दो में 31 वार्ड प्रस्तावित हैं। इस संबंध में 9 अक्टूबर को जारी की गई अधिसूचना में स्थानीय निवासियों से सात दिनों के भीतर दावे और आपत्तियां मंगाई गई थी।
बीजेपी मेयर और नगर पालिका अध्यक्षों के चुनाव अप्रत्यक्ष तरीके से कराए जाने का भी विरोध कर रही है। बीजेपी का आरोप है कि कांग्रेस हार की हताशा में ये कदम उठा रही है। आपको बता दें कि कमलनाथ सरकार ने अध्यादेश के जरिए मेयर का चुनाव प्रत्यक्ष करने के बजाए पार्षदों के जरिए कराए जाने का रास्ता साफ कर दिया है। मध्य प्रदेश में अब मेयर के चुनाव जनता के बजाए पार्षद करेंगे।