भोपाल। हनी ट्रैप मामले में कमलनाथ सरकार लगातार सीबीआई जांच की स्थिति से बचने की कोशिश कर रही है। इसके पीछे कारण भी है। बताया जा रहा है कि सीएम कमलनाथ हनी ट्रैप केस का पॉलिटिकल फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं और सीबीआई चीफ ऋषि कुमार शुक्ला के रहते यह संभव नहीं हो पाएगा क्योंकि दोनों के बीच रिश्तो में पुरानी खटास है।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के हाथ में हनीट्रैप के बहाने बटेर लग गई है। राजनीति के चतुर खिलाड़ी इस हनीट्रैप कांड का भरपूर लाभ लेने के लिए हाथ-पैर मार रहे हैं। हालांकि मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर पीठ ने कमलनाथ सरकार को लताड़ लगाते हुए इस मामले की जांच केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई को सौंपने के लिए कहा है, लेकिन कमलनाथ सरकार इस स्थिति से बचना चाह रही है। ऐसा हुआ तो कमलनाथ सरकार को चाबी हाथ से निकल जाने का खतरा सता रहा है। इसके भी दो कारण हैं, पहला सीबीआई पीएमओ के अधीन आती है, दूसरे सीबीआई के चीफ ऋषि प्रकाश शुक्ला हैं।
शुक्ला से कमलनाथ सरकार की पटरी नहीं बैठ पाई थी। इसलिए कमलनाथ म.प्र. एसआईटी से ही जांच कराना चाहते हैं। यह बात अलग है कि पिछले दस दिनों में कमलनाथ ने तीन एसआईटी प्रमुख को बदल दिया है। पहले डी श्रीनिवासन एसआईटी प्रमुख थे। कमलनाथ सरकार ने इनके नाम की घोषणा करने के 24 घंटे के भीतर ही श्रीनिवासन को बदलकर संजीव शमी को एसआईटी हेड बना दिया। शमी बमुश्किल दो-तीन दिन काम कर पाए कि इस पोस्ट पर अब राजेन्द्र कुमार की नियुक्ति हो गई है।