भोपाल। मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार कुछ बड़ा प्लान कर रही है। सूत्रों की ओर से खबर आ रही है कि सीएम कमलनाथ और उनकी कैबिनेट के मंत्री दिल्ली स्थित जंतर मंतर पर धरना देने की योजना बना रहे हैं। राज्य सरकार का आरोप है कि केंद्र सरकार की ओर से पैसा नहीं मिल रहा है। कमलनाथ सरकार इसलिए नाराज है।
अमित शाह से मिलकर आए थे कमलनाथ
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ हाल ही मतें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलकर आए हैं। राज्य सरकार की ओर से जारी बयान के मुताबिक करीब 45 मिनट की मुलाकात के दौरान कमलनाथ ने शाह से आग्रह किया कि फसलों के नुकसान और आधारभूत अवसंचरना के नुकसान की भरपाई के लिए एनडीआरएफ से 6,6621 .28 करोड़ रुपये जारी किए जाएं ताकि 55 लाख से अधिक किसानों की मदद हो सके।
पीएम मोदी को ज्ञापन भी दे चके हैं
कमलनाथ ने गृह मंत्री को सूचित किया कि मध्य प्रदेश में सामान्य से 46 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है। इससे पहले उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी और अपनी मांगों से जुड़ा ज्ञापन उन्हें सौंपा था। कमलनाथ ने यह आग्रह भी किया था कि केंद्रीय दल की ओर से नुकसान का फिर से आकलन कराया जाए।
शर्मा ने कहा कि कुछ समय और इंतजार किया जाएगा और यदि फिर भी केंद्र सरकार ने राहत राशि प्रदान नहीं की तो राज्य सरकार के मंत्री दिल्ली में जाकर केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने कहा कि जब केंद्र सरकार कर्नाटक और बिहार जैसे राज्यों में राहत राशि दे सकती है, तो यह मध्यप्रदेश को क्यों नहीं दी जा रही है।
इसी से जुड़े एक सवाल के जवाब में शर्मा ने कहा कि आज मंत्रिपरिषद की बैठक में भी यह मुद्दा उठा। मंत्रियों ने अफसोस जताते हुए कहा कि केंद्र सरकार राज्य के किसानों के साथ भेदभावपूर्ण रवैया अपना रही है। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि राज्य के सभी 29 मंत्रियों ने प्रभावित किसानों को राहत राशि पहुंचाने के उद्देश्य से अपने एक एक माह का वेतन देने की घोषणा की है।
आधिकारिक घोषणा
राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने यहां राज्य मंत्रालय में पत्रकारों से चर्चा में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस बार अतिवृष्टि और इससे जुड़ी प्राकृतिक आपदाओं के कारण राज्य में लगभग 55 लाख किसान प्रभावित हुए हैं। इस संबंध में केंद्र सरकार से राहत राशि मुहैया कराने का अनुरोध किया गया है, लेकिन अभी तक राहत राशि नहीं दी गयी है।शर्मा ने कहा कि कुछ समय और इंतजार किया जाएगा और यदि फिर भी केंद्र सरकार ने राहत राशि प्रदान नहीं की तो राज्य सरकार के मंत्री दिल्ली में जाकर केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने कहा कि जब केंद्र सरकार कर्नाटक और बिहार जैसे राज्यों में राहत राशि दे सकती है, तो यह मध्यप्रदेश को क्यों नहीं दी जा रही है।
इसी से जुड़े एक सवाल के जवाब में शर्मा ने कहा कि आज मंत्रिपरिषद की बैठक में भी यह मुद्दा उठा। मंत्रियों ने अफसोस जताते हुए कहा कि केंद्र सरकार राज्य के किसानों के साथ भेदभावपूर्ण रवैया अपना रही है। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि राज्य के सभी 29 मंत्रियों ने प्रभावित किसानों को राहत राशि पहुंचाने के उद्देश्य से अपने एक एक माह का वेतन देने की घोषणा की है।