ग्वालियर। सूचना के अधिकार (आरटीआई) नियम की जानकारी वन विभाग के प्रथम अपीलीय अधिकारियों को ही नहीं है। जानकारी मांगने के 60 दिन बाद अब आवेदक से फाइल अवलोकन (देखने) के लिए 50 रुपए प्रति घंटे के हिसाब से फीस मांगी जा रही है। नियम के मुताबिक RTI के तहत जानकारी 30 दिन के अंदर अगर विभाग नहीं दे पाता या अवलोकन नहीं करा पाता तो आवेदक को जानकारी (या अवलोकन) निशुल्क देना पड़ती है।
आरटीआई के तहत योगेश शर्मा ने 16 जुलाई 2019 को वन विभाग में आवेदन लगाकर जानकारी मांगी थी। एक माह तक कोई जवाब नहीं दिया गया। आवेदक ने प्रथम अपीलीय अधिकारी डीएफओ अभिनव पल्लव (DFO Abhinav Pallava) के समक्ष निर्धारित शुल्क जमा कर अपील की। इसके बाद डीएफओ ने योगेश शर्मा (DFO Yogesh Sharma) को 16 सितंबर 2019 को बुलाया और कहा कि वह जल्द ही जानकारी उपलब्ध करा देंगे। लेकिन जानकारी वृहद (बहुत अधिक) है इसलिए वह पहले अवलोकन कर लें। इसके बाद 18 सितंबर को वन विभाग ने पत्र जारी कर कहा कि पहले योगेश शर्मा प्रति घंटे के हिसाब से 50 रुपए जमा करें तब उन्हें अवलोकन कराया जाएगा।
इनका कहना है
योगेश शर्मा ने वन विभाग में सूचना का अधिकार के तहत जानकारी चाही है। प्रथम अपील के बाद मैंने आदेश किया है कि आवेदक अवलोकन कर जानकारी ले सकता है। अवलोकन के लिए शुल्क जमा करना पड़ता है।
अभिनव पल्लव, डीएफओ
एक्सपर्ट व्यू
आरटीआई के तहत अगर 30 दिन के अंदर जानकारी दी जाती है अथवा अवलोकन कराया जाता है, तो आवेदक को पैसे जमा करने होते हैं। अगर विभाग 30 दिन के अंदर जानकारी नहीं देता है तो आवेदक को धारा 19 (1) के तहत निशुल्क जानकारी दी जाती है। साथ ही अगर आवेदक को अधिकारी गुमराह करता है, जानकारी देने में विलंब करता है तो सूचना के अधिकार अधिनियम खंड की धारा 20 (2) के तहत यह कृत्य अधिकारी पर कार्रवाई योग्य है।
आशीष चतुर्वेदी, एक्सपर्ट