इंदौर। एक बार फिर खबर का असर हुआ है। भोपाल समाचार सहित इंदौर की कुछ चुनिंदा अखबारों में ही इस मामले को प्रमुखता से उठाया था। मामला अनुदान प्राप्त शिक्षकों को एरियर के भुगतान का था। घोषणा के अनुसार धनतेरस सुबह अनुदानित शिक्षकों ने चौराहे पर भीख मांगी, भोपाल समाचार तत्काल इस खबर को प्रसारित किया और शाम को शिक्षकों के बैंक खातों में एरियर की राशि जमा हो गई।
शिक्षकों ने रीगल तिराहे पर मानव श्रृंखला बनाई और भीख मांगी। अनुदान प्राप्त विद्यालयीन शिक्षक-कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष बीएस यादव और संरक्षक राजाराम बौरासी ने बताया कि राज्य सरकार ने एक महीने पहले ही एरियर की राशि का अलॉटमेंट कर दिया था, लेकिन इंदौर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के अधिकारियों की हठधर्मिता के चलते उन्हें अब तक यह राशि नहीं मिली थी। एक ओर राज्य सरकार ने कर्मचारियों को दीपावली मनाने के लिए 25 अक्टूबर को वेतन देने के आदेश दिए हैं, वहीं अनुदान प्राप्त विद्यालयों के शिक्षकों को एरियर और कई माह की वेतन राशि ही नहीं मिल पाई थी। इस कारण सैकड़ों शिक्षक काली दीपावली मनाने को मजबूर हो गए थे। शिक्षकों ने रीगल तिराहे पर भीख मांगकर 519 रुपए इकट्ठा किए। वे इसे शनिवार को जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय को देने वाले थे।
सर्वर की दिक्कत से हुई देरी
जिला शिक्षा अधिकारी राजेंद्र मकवानी के मुताबिक राज्य शासन से अनुदान प्राप्त शिक्षकों के एरियर व वेतन की राशि हाल ही में आई थी। सर्वर की दिक्कत के कारण उनके खातों में राशि अब तक नहीं भेजी जा सकी थी। कई स्कूलों ने तो अपने बिल भी नहीं दिए हैं। हमें जितने स्कूलों के बिल मिले, उनके शिक्षकों के खातों में एरियर की राशि व वेतन पहुंचा दिया है।