नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने अपने पीएफ खाताधारक सदस्यों को चेतावनी देते हुए खाते से जुड़ी अपनी निजी जानकारी किसी को भी नहीं देने का सुझाव दिया है। ईपीएफओ ने ट्वीट और वेबसाइट के जरिये यह सूचना दी है।
ईपीएफओ ने अपने ट्वीट में कहा है कि संगठन कभी भी अपने सदस्यों/अंशधारकों से आधार नंबर/पैन/यूएएन/बैंक खाता नंबर जैसी निजी जानकारी देने या बैंक में कोई राशि जमा करने को नहीं कहता है। इसलिए फोन पर निजी जानकारी का खुलासा न करें और न ही फोन करने वाले के झांसे में आकर कोई राशि जमा करें।
ईपीएफओ का कहना है कि फर्जीवाड़ा करने वाले ईपीएफओ कर्मचारी बनकर ईपीएफ खाताधारकों से फोन पर उनकी आधार नंबर/पैन/यूएएन/बैंक खाता नंबर जैसी निजी जानकारी आदि मांग सकते हैं। उसका कहना है कि अगर ऐसी कोई फोन आता है तो खाताधारक इसके झांसे में न आएं।
उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक (आरबीआई) और बीमा नियामक विकास प्राधिकरण (इरडा) भी इस तरह की चेतावनी समय-समय पर जारी करते हैं। रिजर्व कई बार कह चुका है कि वह किसी खाताधारक को कभी राशि जमा करने को नहीं कहता है। वहीं इरडा भी कह चुका है कि बीमा के नाम पर किसी तरह की राशि वह बीमाधारकों या किसी अन्य व्यक्ति के नाम से नहीं मांगता है। उपभोक्ताओं को जागरुक करने के लिए तत्कालीन रिजर्व बैंक गवर्नर रघुराम राजन ने एक बार प्रेसवार्ता में बेहद सरल शब्दों में कहा था कि यदि मेरे नाम से भी कोई मेल आपको राशि जमा करने कि लिए जाए तो उसपर भरोसा नहीं करना है।